बलौदा बाजार:हजारों लोगों को कोरोना के काल से बचाने वाला डॉक्टर खुद जिंदगी की जंग हार गया. 2 साल से डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल में पदस्थ शैलेंद्र साहू (Dr Shailendra Sahu) ने जिस अस्पताल में ड्यूटी की, उसी अस्पताल में ही अंतिम सांस ली. निधन के एक दिन पहले ही उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उनकी मौत की खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई. अस्पताल प्रबंधन और कोविड सेंटर में काम करने वाले स्टाफ को सदमा सा लगा. डॉक्टर को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने डॉक्टर शैलेंद्र को श्रद्धांजलि दी है.
शैलेंद्र रायपुर के रहने वाले थे और पिछले 2 साल से डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल(Dedicated covid Care Center Balodabazar) के इंचार्ज के तौर पर काम कर रहे थे. वे अपने शांत स्वभाव और कार्य के प्रति बेहद समर्पित रहने की वजह से न केवल कोविड सेंटर के स्टाफ बल्कि पूरे जिले के लोगों के दिलों में राज करते थे. उन्होंने पूरी कर्तव्य निष्ठा से लोगों की सेवा और देखभाल की. शैलेंद्र ने ऐसे कोरोना मरीजों की भी जान बचाई थी, जिनके बच पाने के चांस कम थे. कोरोना काल में एक-एक मरीज की जान बचाने के लिए उन्होंने 24 घंटे तक ड्यूटी की.
कोरोना ने ली बलौदाबाजार कोविड अस्पताल प्रभारी डॉक्टर शैलेंद्र की जान, अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब
हार्टअटैक से भी मौत की आशंका
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शनिवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद वह खुद कोविड अस्पताल में भर्ती हुए थे. उन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी. अगर कोरोना से उनकी मौत हुई है तो यह जिले का पहला ऐसा केस होगा जहां वैक्सीनेशन के बाद किसी की मौत हुई है. सीएमएचओ डॉ. खेमराज सोनवानी का कहना है कि अचानक हुई इस मौत में ह्रदयघात की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता. बहरहाल मौत के कारणों पर स्थिति स्पष्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो सकती है.