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बलौदाबाजार: कलेक्टर ने फसलों की गिरदावरी कार्य का किया निरीक्षण, रकबा मिलान के लिए पहुंचे खेत

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Published : Aug 23, 2020, 3:02 AM IST

Updated : Aug 23, 2020, 12:39 PM IST

बलौदाबाजार के कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने शनिवार को विभिन्न तहसीलों के कई गांव में गिरदावरी कार्य का किया निरीक्षण किया. अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए हैं.

Collector inspected Girdawari work of crops
कलेक्टर ने फसलों की गिरदावरी कार्य का किया निरीक्षण

बलौदाबाजार: कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने शनिवार को पलारी और बलौदाबाजार तहसील के कुछ गांवों का आकस्मिक भ्रमण कर गिरदावरी कार्य का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि गिरदावरी का प्रमुख उद्देश्य खेतों में लगे खरीफ फसलों और उनके वास्तविक रकबे का भौतिक सत्यापन किया जाना है. कलेक्टर ने अधिकारियों की टीम लेकर शनिवार को बलौदाबाजार तहसील के ग्राम संकरी, चांपा, मोहतरा और पलारी तहसील के ग्राम छेरकापुर का दौरा किया. जानकारी के लिए बता दें खेतों में बुवाई का रिकॉर्ड को गिरदावरी कहते हैं. इसमें रिकॉर्ड होता है कि कौन से खेत के खसरा नंबर में कौन सी फसल बोई गई है.

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कलेक्टर ने मौके पर मौजूद कुछ किसानों से चर्चा की और उनके खेतों तक जाकर बोए गए फसल का रकबा और खेत के वास्तविक रकबे का मिलान भी किया. कलेक्टर ने इन गांवों में पटवारी और कर्मचारियों के किए जा रहे गिरदावरी का खेतों में पहुंचकर सूक्ष्म अवलोकन भी किया. उनके बनाए गए रिकॉर्ड की बारिकी से जांच भी किया. राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में गिरदावरी का काम 1 अगस्त से शुरू हुआ है जो 20 सितंबर तक चलेगा. कलेक्टर ने गांव के किसानों और पंचायत प्रतिनिधियों को गिरदावरी कार्य में मैदानी अमलों को सहयोग प्रदान करने की भी अपील की है.

कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक खसरा नंबर के खेत का गिरदावरी किया जाए. उसके रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित रखा जाए. कलेक्टर ने इन स्थलों पर रिकार्ड के रख-रखाव में कुछ विसंगतियां पाये जाने पर राजस्व अधिकारियों के प्रति नाराजगी भी जाहिर की है. राजस्व अधिकारियों ने कलेक्टर को बताया कि बड़ी बारीकी और गंभीरता के साथ गिरदावरी का काम चल रहा है. कलेक्टर ने कहा कि धान की फसल के वास्तविक रकबे को ही हमें रिकार्ड में लेना है. पड़त भूमि, सरकारी जमीन पर की जाने वाली धानखेती के रकबे सहित अन्य कोई संरचना यदि खेतों में निर्मित है, तो उतने रकबे को घटाकर केवल बोये गये फसल के रकबे को ही लिया जाना है. उन्होंने प्रत्येक खसरा नंबर के खेत की फोटोग्राफी करने के सख्त निर्देश भी दिए हैं.

Last Updated : Aug 23, 2020, 12:39 PM IST

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