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Published : Feb 24, 2020, 7:48 PM IST

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जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को मजबूर बच्चे, कुंभकर्णी नींद में जिम्मेदार

बलौदा बाजार के कसडोल के चन्हाट प्राथमिक स्कूल के बच्चे इन दिनों खौफ के साये में पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल भवन की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी गिर सकता है.

Children forced to study in dilapidated school building
जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को मजबूर बच्चे

बलौदाबाजार:कसडोल विकासखंड के चन्हाट प्राथमिक स्कूल के बच्चे खौफ के साये में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. स्कूल में 25 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने इसओर ध्यान नहीं दिया. स्कूल भवन की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि बच्चे स्कूल भवन में बैठने के बजाय स्कूल के आंगन में बैठकर कर पढ़ाई कर रहे हैं.

जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को मजबूर बच्चे

स्कूल की छत कभी भी भरभरा कर गिर सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है. बरसात में इस स्कूल की हालत और भी ज्यादा दयनीय हो जाती है और बच्चों को स्कूल के बजाय गांव में किराये के मकान में पढ़ाई करना पड़ता है.

जनता की उम्मीदों पर फिरा पानी

बताते हैं, छत्तीसगढ़ में मौजूदा कांग्रेस सरकार से छत्तीसगढ़ की जनता को उम्मीदें थी कि इस बार सरकार बनने के बाद शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए बेहतर काम होगा, लेकिन जनप्रतिनिधियों का रवैया देख लोगों की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

स्कूल के आंगन में पढ़ने को मजबूर छात्र

स्कूली बच्चे को भुगतना पढ़ रहा है खामियाजा

शिक्षकों की बार-बार स्कूल भवन मरम्मत की मांग के बाद भी जनप्रतिनिधियों से लेकर उच्च अधिकारियों ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया. अब जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का खामियाजा मासूम बच्चे भुगत रहे हैं.

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