बलौदाबाजार:छत्तीसगढ़ प्रेरक संघ ने सरकार के घोषणा पत्र में किये वादों को पूरा करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में महिला और पुरुष दोनों प्रेरकों ने हिस्सा लिया. सरकार के वादा खिलाफी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. प्रेरक संघ ने सरकार को अपने योगदान गिनाते हुए मांग पूरा करने का आग्रह किया. साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर जल्द मांग पूरी नहीं की जाती है तो रायपुर में उग्र आंदोलन किया जाएगा. बता दें कि जिले में कुल 8 सौ प्रेरक और राज्य में कुल 16 हजार 8 सौ 2 प्रेरक हैं.
छत्तीसगढ़ में साक्षर भारत कार्यक्रम, जन-धन खाता खुलवाना हो, शौचालय बनवाना हो, चुनाव ड्यूटी हो या फिर पंचायत कल्याण के लिए कोई काम हो इन सभी काम के लिए पंचायत स्तर पर प्रेरकों को जिम्मेदारी दी जाती है. इसके बावजूद पिछली भाजपा की सरकार ने 2018 में सभी प्रेरकों को नौकरी से निकाल दिया था. लेकिन मौजूदा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में प्रेरको को विभिन्न विभागों में समायोजन कर रोजगार देने का वादा किया. लेकिन चुनाव जीतने के 2 साल बाद भी प्रेरको को रोजगार नहीं दिया गया है.
भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप, धरने पर बैठा प्रेरक संघ
घोषणा पत्र के वादे को देखकर बिना वेतन किया काम
भूपेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि प्रेरकों को उनकी योग्यता के आधार पर फिर से रोजगार दिया जाएगा. इस उम्मीद में प्रेरक लगातार काम करते रहे. लेकिन 2 साल से उम्मीद के बल पर काम कर रहे प्रेरकों को रोजगार नहीं मिल पाया है. संघ का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने 2018 में नेता प्रतिपक्ष में रहते हुए प्रेरकों के लिए मुद्दा उठाया था. लेकिन अबजब कांग्रेस की सरकार बन गयी तो किसी प्रकार का कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं.