भाटापारा: छत्तीसगढ़ सरकार और बस संचालकों के बीच बीते दिनों बस संचालन को लेकर सहमति बन गई थी, लेकिन कोरोना काल में बस कर्मचारियों ने गुजारा भत्ते की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है. बस कर्मचारियों ने भाटापारा में बसों के संचालन पर रोक लगा दिया है. इस दौरान भाटापारा के पुराने बस स्टैंड में सैकड़ों की संख्या में बस कर्मचारी शामिल हुए. साथ ही अपनी समस्याओं को बस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र शुक्ला के सामने रखा.
भाटापारा की सड़कों पर नहीं दौडे़ंगी बसें दरअसल, बसों का संचालन पिछले 6 महीने से बंद है, जिसके कारण बस कर्मचारियों के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई है. बस कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें परिवार चलाने में दिक्कतें हो रही है. इसके अलावा बच्चों की शिक्षा को लेकर भी चिंता जताई है. इसे लेकर अब बस कर्मचारी केंद्र और प्रदेश सरकार से 6 महीने के बेरोजगारी भत्ते की मांग कर रहे हैं.
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रायपुर में बस कर्मचारियों का महाधरना
बस कर्मचारियों ने कहा कि आगामी 14 सितंबर को रायपुर में बस कर्मचारियों का महाधरना प्रदर्शन है, जिसके बाद ही बस संचालन का फैसला लिया जा सकेगा, लेकिन फिलहाल बसों का संचालन भाटापारा से नहीं किया जाएगा. बस कर्मचारियों ने बताया कि पिछले 6 महीने से बसों का संचालन नहीं करने से कई लोग बेरोजगार हो चुके हैं. कई परिवार भूखे मरने की स्थिति में हैं.
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जब तक गुजारा भत्ता नहीं मिलेगा बसों का संचालन बंद
बस कर्मचारियों ने कहा कि वर्तमान में बच्चों की ऑनलाइन पढाई हो रही है, जो बस कर्मचारियों को मंहगी पड़ रही है. ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मंहगा मोबाइल चाहिए, मंहगा रिचार्ज होना चाहिए, तब इंटरनेट सही से काम करता है, जो वर्तमान के बेरोजगारी वाले समय में संभव नहीं है. बस संचालकों को कुल मिलाकर परिवार चलाने में संकट हो रही है. सरकार उन्हें जब तक 6 महीने का गुजारा भत्ता नहीं देती है, तब तक वह बसों का संचालन नहीं होने देंगे.