Baloda Bazar Dispute: मूर्ति लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद, डीएसपी ने तिरंगा लहराकर शांत कराया मामला - Controversy in Baloda Bazar
Baloda Bazar News बलौदा बाजार में मूर्ति लगाने को लेकर दो पक्षों में हुए विवाद को डीएसपी ने शांत कराया. डीएसपी ने लोगों को समझाइश के बाद मूर्ति लगाने वाली जगह पर तिरंगा लहराया, जिसके बाद दोनों पक्षों का विवाद शांत हुआ.
बलौदा बाजार में विवाद
By
Published : Jun 9, 2023, 10:35 AM IST
|
Updated : Jun 9, 2023, 10:52 AM IST
दो पक्षों में हुआ विवाद
बलौदा बाजार:भाटापारा जिले में मूर्ति लगाने को लेकर दो पक्षों में गुरुवार को विवाद हो गया. जानकारी मिलने पर पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाइश दी. समझाइश के बाद दोनों के बीच का विवाद खत्म हुआ. विवाद खत्म होने के बाद लोगों ने पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारे भी लगाए.
जानिए पूरा मामला: लवन थाना के मरदा गांव के सरपंच पति देवचरण जोशी ने अपने कुछ समर्थकों के साथ तय किया था कि गांव चौक पर बाबा भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाई जाएगी. इसके लिए जमीन पर खुदाई भी करवा ली गई. हालांकि इस फैसले का समर्थन गांव के कुछ लोग और अन्य पंचों ने नहीं किया. बस इसी बात को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया.
जमीन पर मूर्ति से हादसे का खतरा:बताया जा रहा है कि मूर्ति लगाए जाने वाले जगह पर 15-20 साल पहले हनुमान जी की मूर्ति लगाई गई थी. लेकिन मार्ग में होने वाली दुर्घटनाओं का देखते हुए जनहित में हनुमान जी की मूर्ति को यहां से दूसरी जगह स्थापित किया गया. अब उसी जगह पर फिर से अम्बेडकर की मूर्ति लगाने से हादसे की आशंका को लेकर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया.
पुलिस की समझाइश के बाद भी नहीं माने लोग: बातचीत से शुरु हुई बात विवाद में बदल गई. इसी बीच कुछ लोगों ने विवाद की जानकारी पुलिस को दी. जिसके बाद डीएसपी अभिषेक सिंह और थाना प्रभारी उमेश वर्मा मौके पर पहुंचे. पुलिसकर्मियों ने लोगों को समझाना शुरू किया.
ऐसे खत्म हुआ विवाद: फिर डीएसपी अभिषेक सिंह ने लोगों से कहा कि आप सब के मन में प्रेम है. यही कारण है कि आस्था में आप लोग अपने अपने ईस्ट देव और महापुरुष के प्रति प्रदर्शित कर रहे हैं. मतलब आप सब आस्तिक व्यक्ति हैं, जिसकी आस्था कहीं न कहीं तो है पर हम सबका प्रेम एक समान है और वो है देश प्रेम. इससे बड़ी भक्ति कोई और नहीं हो सकती. ये कहने के बाद उन्होंने अपने एक स्टाफ से तिरंगा मंगवाया और उसी गड्ढे पर एक लकड़ी के सहारे तिरंगा लगा दिया गया. इसके बाद सभी ग्रामीण पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारे लगाने लगे और दोनों पक्षों के बीच चल रहा विवाद खत्म हो गया.