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खतरे के साए में पढ़ाई कर रहा प्रदेश का भविष्य, जर्जर छात्रावास का देखिए हाल

बिलाईगढ़ का शासकीय प्रीमैट्रिक अनुसूचित जनजाति छात्रावास जर्जर हो चुका है. पिछले 3 सालों से प्रशासन भवन की सुध नहीं ले रहा है.

bad condition of tribal hostel in bilaigarh at balodabazar
जर्जर छात्रावास बिलाईगढ़ बलौदाबाजार

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Published : Dec 26, 2019, 5:27 PM IST

Updated : Dec 26, 2019, 11:34 PM IST

बलौदाबाजार: प्रशासन लगातार प्रदेश के आदिवासी बच्चों के उत्थान के लिए योजनाएं चलाता है. लेकिन जमीनीस्तर पर इसका बिलकुल ही उल्टा उदाहरण देखने को मिल रहा है. बिलाईगढ़ का शासकीय प्रीमैट्रिक अनुसूचित जनजाति भवन दिन-ब-दिन मेंटेंनेंस के अभाव में जर्जर हो रहा है. जिससे यहां रहने वाले आदिवासी छात्रों पर हादसे का खतरा मंडरा रहा है.

जर्जर छात्रावास

अनुसूचित जनजाति भवन की छत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है. छत का प्लास्टर इतना कमजोर हो चुका है कि कभी भी गिर सकता है. इससे छात्रों में डर का माहौल बना हुआ है. दूर से आए छात्रों के रहने का एक मात्र सहारा होने के कारण छात्र ऐसे महौल में रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

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छात्रावास के छात्रों की माने तो जर्जर भवन के आलावा छात्रावास में उन्हें रोज कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हर दिन एक तरह की ही सब्जी बनती है. करीब 3 दिनों में एक बार दाल बनाई जाती है. मेन्यू चार्ट के आधार पर खाना दिया ही नहीं जाता. जिससे छात्रों के सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है.

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3 साल से नहीं ली सुध
छात्रावास अधीक्षक बीएल नेताम ने बताया कि 'जर्जर हो चुके भवन कि जानकारी उच्च अधिकारियों को 4 सालों से लगातार करवा रहे हैं. लेकिन आज तक जर्जर भवन की मरम्मत तो दूर पिछले 3 सालों से भवन की सफाई और दीवारों की पुताई तक नहीं हुई है'.

Last Updated : Dec 26, 2019, 11:34 PM IST

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