बलौदा बाजार: दो साल से बंद आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका और सेविका को हर महीने मिल रहा है वेतन
बलौदा बाजार के चंडीडीह गांव में दो साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद है, लेकिन यहां कार्यरत सहायिका और सेविका को हर महीने वेतन मिल रहा है. जबकि आपसी मतभेद के कारण दोनों दो साल से आंगनबाड़ी केंद्र नहीं आ रही हैं.
ग्रामीणों ने की शिकायत
बलौदा बाजार: चंडीडीह गांव में बीते दो साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़ा है. आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र बंद होने से गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार भी नहीं मिल पा रहा है.
आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने की शिकायत लेकर ग्रामीण जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास पहुंचे थे. जहां उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ अधिकारियों से शिकायत की.गांव में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने का मुख्य उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य की देखभाल करना था, लेकिन चंडीडीह गांव में दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की आपसी मतभेद के कारण सैकड़ों हितग्राही सरकार की कई योजनाओं से महरूम हैं. ग्रामीणों ने बताया की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यहां आते ही नहीं है, जबकि उनका हर महीने का वेतन जारी हो रहा है.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर वहां कोई कार्यकर्ता नहीं है और वेतन निकाला जा रहा है, तो इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.