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Balodabazar : वनविभाग की सड़क पर भ्रष्टाचार का आरोप, रेंजर की देखरेख में हुआ था काम - वनविभाग की सड़क पर भ्रष्टाचार के आरोप

बलौदाबाजार के चंहाट से अचानकपुर तक 60 लाख की लागत से 4 किलोमीटर डब्लूबीएम सड़क निर्माण करवाया गया था.लेकिन अब सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.

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वनविभाग की सड़क पर भ्रष्टाचार के आरोप

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Published : Apr 29, 2023, 1:31 PM IST

Updated : Apr 29, 2023, 2:11 PM IST

वनविभाग की सड़क पर भ्रष्टाचार के आरोप

बलौदाबाजार: कैम्पा मद से लगभग 60 लाख 40 हजार की लागत से वन विभाग ने सड़क निर्माण कराया. चंहाट से अचानकपुर तक 4 किलोमीटर डब्लूबीएम सड़क का निर्माण 2021-22 में देवपुर रेंज में हुआ था. वन्य क्षेत्रों में हर साल वन मार्गों का निर्माण होता है. कैंपा मद से इसकी मंजूरी मिलती है. लेकिन वन अफसर नियमों को दरकिनार कर जंगल से ही पत्थर और मिट्टी मुरूम डालकर डब्लूबीएम सड़क बना देते हैं. इसके बाद फर्जी बिल और वाउचर लगाकर राशि का आहरण करते हैं. इस सड़क के निर्माण में भी ऐसी ही कुछ कहानी है.लिहाजा सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर डीएफओ ने अभी तक ठेकेदार को पूरा भुगतान नहीं किया है.

बड़ी गड़बड़ी आ सकती है सामने : चंहाट से लेकर अचानकपुर तक विभाग ने प्राक्कलन के विपरीत सड़क का निर्माण कराया. जिसके कारण कई जगहों से सड़क धंस चुकी है. यदि वन विभाग देवपुर रेंज अन्तर्गत पिछले वर्षों में हुये निर्माण कार्यों की सघनता से जांच करता है तो बड़ा खेल सामने आ सकता है.इस खेल में तत्कालीन रेंजर पंचराम यादव की भूमिका भी सामने आ सकती है. क्योंकि चंहाट से अचनाकपुर तक 4 किलोमीटर डब्लूबीएम सड़क का निर्माण देवपुर के तत्कालीन रेंजर पंचराम यादव की देखरेख में हुआ था.

शिकायत के बाद नहीं हुई कार्रवाई : अब सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहें हैं. विभाग ने यहां प्राक्कलन को दरकिनार कर अधिकांश मुरुम, मिट्टी और पत्थर बगल के पार सहित आसपास के वन्य क्षेत्रों से ही जेसीबी के माध्यम से मुरुम, मिट्टी खोदकर सड़क का निर्माण कराया है. जबकि इस क्षेत्र में पहले से ही डब्लूबीएम सड़क बना हुआ था, लेकिन विभाग ने सुगम रास्तों को सुदृढ बनाने के उद्देश्य से चंहाट से अचानकपुर सड़क का निर्माण कराया. लेकिन ये सड़क कई जगहों से क्रेक होने के साथ ही जगह से टूट गई है. तत्कालीन रेंजर पंचराम यादव के खिलाफ विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई नही की है.जबकि देवराम अभी भी देवपुर उत्पादन में रेंजर के पद में है. जल्द ही उनका रिटायरमेंट भी है. लेकिन रेंजर के खिलाफ कार्रवाई नही होने से हौंसले बुलंद हैं.

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जांच करने की कही गई बात :आपको बता दें कि वन्य संरक्षण अधिनियमों के तहत वन्य क्षेत्रों से उत्खनन प्रतिबंधित होता है.वन विभाग ने अभी तक सड़क निर्माण में लगभग 14 लाख रुपयों का ही भुगतान किया है.लेकिन अब जानकारी वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल के संज्ञान में आने पर समिति बनाकर जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहें हैं. जांच समिति बनाई जाएगी जो भी रिपोर्ट आएगी. उसी के आधार पर जांच कर विधिवत कार्यवाई करने की बात कही गई है.

Last Updated : Apr 29, 2023, 2:11 PM IST

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