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बलौदाबाजार: श्रमिक स्पेशल ट्रेन से पहुंचे 1 हजार 200 मजदूरों को बसों से भेजा गया घर - थर्मल स्कैनिंग कर जांच की

बुधवार को लखनऊ से दुर्ग श्रमिक स्पेशल ट्रेन भाटापारा पहुंची, जिसमें से 1 हजार 200 मजदूर जिले में उतरे. इन मजदूरों को बसों के माध्यम से 3 जिलों में रवाना किया. साथ ही क्वॉरेंटाइन हुए श्रमिकों के आग्रह पर उनकी वापसी की भी व्यवस्था की गई.

1 thousand 200 workers reached Bhatapara
1 हजार 200 श्रमिक भाटापारा पहुंचे

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Published : May 13, 2020, 9:26 PM IST

बलौदाबाजार: बुधवार को लखनऊ से दुर्ग श्रमिक स्पेशल ट्रेन से लगभग 1 हजार 200 मजदूर भाटापारा रेलवे स्टेशन पहुंचे. इन मजदूरों को तीन जिलों में बसों के माध्यम से भेजा गया. प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच जिले में लाॅकडाउन के नियमों का पालन किया गया. वहीं श्रमिकों को ट्रेन से उतरने से लेकर बसों में बैठाने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की थी.

बुधवार को बलौदाबाजार के प्रशासनिक अधिकारी और रेलवे फोर्स सक्रिय रही. लखनऊ से दुर्ग श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी. जिसका स्टॉपेज भाटापारा रेलवे स्टेशन को बनाया गया था. जहां प्रशासन ने नगर पालिका, जनपद और स्वास्थ्य विभाग के 12 काउंटर लगाए गए थे. वहीं CCTV से श्रमिकों पर निगरानी रखी गई. दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था के साथ ही मजदूरों को अपने-अपने जिलों में भेजने के लिए लगभग 70 बसें लगाई गई थीं. वहीं लगभग 200 पुलिस और RPF जवान तैनात थे.

अपने प्रदेश लौटने पर श्रमिकों ने जताई खुशी

इस दौरान एसपी, कलेक्टर, रेलवे के अधिकारी सहित सभी विभागों के जिला और स्थानीय अधिकारी मौजूद रहे. लगभग 3 बजकर 10 मिनट पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन भाटापारा पहुंची. श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 1 हजार 630 श्रमिक सवार थे, जिनमें से लगभग 1 हजार 200 श्रमिकों को भाटापारा उतारा गया. यहां से मजदूरों को बलौदाबाजार, कर्वधा और बेमेतरा बसों के माध्यम से भेजा गया.

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क्वॉरेंटाइन सेंटर के मजदूरों को भी भेजा घर

श्रमिकों को ट्रेन से उतारते ही नाम-पता नोट कर उनकी थर्मल स्कैनिंग कर जांच की गई. मजदूरों ने अपने घर पहुंचने की खुशी जताई. श्रमिक ट्रेन के आने से जिले को पूर्ण रूप से लाॅकडाउन किया गया, लेकिन इस दौरान शराब दुकानें खुली रहीं. श्रमिकों को बसों से घर भेजने की बात जिले में क्वॉरेंटाइन हुए अन्य जिलों के मजदूरों को पता चली, तो रेलवे स्टेशन पर आकर एसडीएम, तहसीलदार से मुलाकात कर उन्होंने भी घर जाने की इच्छा जताई. जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें भी घर भेजने की व्यवस्था की.

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