बालोद: भूपेश सरकार प्रदेश में शराबबंदी से पहले लोगों में जागरूकता लाने और शराब छुड़ाने की पहल करने में लगी है. ऐसे में डौंडी ब्लॉक के गोटुलमुंडा के ग्रामीणों ने शराबबंदी को लेकर ठोस कदम उठाया है. ग्रामीणों ने स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कर 'न शराब बनाएंगे, न बेचेंगे और न ही शराब पीएंगे' का संकल्प लिया है.
गोटुलमुंडा के ग्रामीणों ने अपने गांव में शराब को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के लिए 20 रुपए के स्टांप पेपर पर अनोखा संकल्प लिया है, जो काबिले तारीफ है. ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से फैसला लेते हुए अपने-अपने ईष्ट देवी-देवताओं को साक्षी मानकर शपथ ली है कि वे अपने गांव को आदर्श ग्राम बनाएंगे. गांव में साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही गांव में पूरी तरह शराबबंदी की जाएगी. जो भी इस नियम का उल्लंघन करेगा, उसको दो गांव के समस्त देवी देवताओं के पूजा-पाठ के लिए दान देने के साथ-साथ 1 हजार 51 रुपए का आर्थिक दंड देना होगा. बता दें कि बालोद जिले के वनांचल क्षेत्र में भारी मात्रा में महुआ से बनाई जाने वाली शराब की बिक्री की जाती है. इससे आसपास के गांव प्रभावित हो रहे हैंं. जिसे देखते हुए ये फैसला लिया गया है.