बालोद: खनिज नगरी दल्लीराजहरा में ग्रामीण लाल पानी का दंश झेल रहे हैं. यहां की खदानों में लोगों को रोजगार और भिलाई संयंत्र को कच्चा लोहा तो दिया, लेकिन इसके साथ स्थानीय लोगों को लाल पानी की सजा भी मिली है. प्रशासन की लापरवाही के कारण ग्रामीण लाल पानी पीने को मजबूर हैं. हालांकि सरकार की तरफ से पानी साफ करने के लिए कई योजनाएं चलाई गई है, लेकिन तमाम योजनाएं धरातल पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रही हैं.
लाल पानी का दंश झेल रहे ग्रामीण, शिकायत करने पहुंचे कलेक्ट्रेट इलाके में नहीं है पर्याप्त फिल्टर मशीन
लाल पानी से प्रभावित गांव आड़ेझर के ग्रामीण पीने का पानी लेकर शिकायत के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने जिम्मेदारों को लाल पानी दिखाते हुए फिल्टर मशीन लगाने की मांग की. ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में एक आयरन फिल्टर मशीन, तो है पर वह इतने लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है. ग्रामीणों की मांग पर कलेक्टर ने उन्हें जल्द उनकी समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया.
लाल पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
ग्रामीण सरजू राम ने बताया कि लाल पानी की समस्या को लेकर वे शासन-प्रशासन और भिलाई इस्पात संयंत्र को अवगत करा रहे हैं. बावजूद इसके अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पाया है. उसने बताया कि मामले को लेकर उन लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किए, लेकिन अब तक किसी तरह का कोई समाधान नहीं निकला है. प्रशासन की लापरवाही के कारण ग्रामीण लाल पानी पीने को मजबूर हैं.
लाल पानी प्रभावित सूची से गांव का नाम गायब
उन्होंने आगे बताया कि पहले उनके गांव को लाल पानी से प्रभावित सूची में रखा गया था, जिससे बीच-बीच में निरीक्षण होते रहता था, लेकिन अब उस सूची से गांव का नाम हटा दिया गया है. एक ग्रामीण हठियारीन बाई ने बताया कि लाल पानी पीकर ही वे जिंदगी जी रही हैं. सवाल पूछने पर पीड़िता ने बताया कि लाल पानी पीने से आए दिन गांव में किसी न किसी की तबीयत खराब होते रहती है.
कलेक्टर ने दिए जल्द निराकरण के निर्देश
लाल पानी की समस्या को लेकर समय-समय पर कार्य योजनांए बनाई तो जाती है, लेकिन इसका कोई ठोस प्रभाव देखने को नहीं मिलता है. कलेक्टर रानू साहू ने कहा कि इस समस्या को लेकर पानी का सैंपल टेस्ट कराने के साथ ही वहां तात्कालिक रूप से आयरन रिमूवल प्लांट लगाने की बात कही. साहू ने बताया कि सीएसआर मद से कार्य योजना बनाकर भिलाई इस्पात प्रबंधन के पास भी भेजी जा चुकी है जो फिलहाल पेंडिंग है.