छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

अनोखी है यहां विराजमान भगवान गणेश की प्रतिमा, हर साल बढ़ रहा है आकार - शासन-प्रशासन पर अनदेखी का आरोप

यहां विराजमनान भगवान गणेश की मूर्ति सैकड़ों साल पुरानी है. जानकार इसे गोंडवाना और कलचुरी काल से भी जोड़कर देखते हैं. यह शहर की घनी आबादी के बीच स्थापित है. लोग बताते हैं. यहां के भगवान श्रीगणेश भूमि से अवतरित हुए हैं और उनकी प्रतिमा का आकार निरंतर बढ़ रहा है.

भगवान गणेश की प्रतिमा

By

Published : Sep 5, 2019, 12:34 PM IST

Updated : Sep 5, 2019, 1:05 PM IST

बालोद: कहते हैं भारत में आस्था और श्रद्धा का 20 लाख साल से भी ज्यादा पुराना इतिहास है और इससे भी ज्यादा आस्था की कहानियां हैं. बालोद में भी एक ऐसा ही आस्था का केंद्र है, जहां लोगों की हर मनोकामनां पूरी होती है. इस आस्था के मंदिर में भगवान गणेश विराजमान हैं. कहते हैं, इनके दर पर जो भी सच्चे मन से आता है कभी खाली हाथ नहीं जाता है.

हर साल बढ़ रहा है यहां विराजमान भगवान गणेश की प्रतिमा का आकार

इतिहासकार बताते हैं, यहां विराजमान भगवान गणेश की मूर्ति सैकड़ों साल पुरानी है. जानकार इसे गोंडवाना और कलचुरी काल से भी जोड़कर देखते हैं. यह शहर की घनी आबादी के बीच स्थापित है. लोग बताते हैं, यहां के भगवान श्रीगणेश भूमि से अवतरित हुए हैं और उनकी प्रतिमा का आकार निरंतर बढ़ रहा है.

शासन-प्रशासन पर अनदेखी का आरोप
आस्था के केंद्र बालेद में प्राचीन गणेश मूर्तियों का एक विशाल समूह है. जिसमें कई मूर्तियों को विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त है, लेकिन हाल के दिनों में शासन-प्रशासन की अनदेखी से यहां की विशाल सभ्यता और इतिहास खतरे में दिख रहा. हालात ये बन गए हैं कि अगर जल्द ही इन मूर्तियों के संरक्षण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया तो, वर्तमान भी इतिहास बन जाएगा.

Last Updated : Sep 5, 2019, 1:05 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details