बालोद:अक्सर कार्यालयों में हम लोगों को जाति सर्टिफिकेट, शिक्षण सर्टिफिकेट सहित अन्य ऐसे सर्टिफिकेट के लिए आवेदन लगाते देखते हैं. जिनकी जरूरत लोगों को शिक्षा से लेकर आरक्षण, व्यवसाय से लेकर शिक्षा और स्कूल से लेकर मतदान तक पड़ती है. बालोद जिले के व्यक्ति ने आज अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय पहुंच कर नो कास्ट, नो गॉड, नो रीजन सर्टिफिकेट की मांग रखी है. प्रार्थी की इस तरह के सर्टिफिकेट की मांग से एसडीएम भी हतप्रभ रह गए. Balod News
बालोद में एक युवक की अनोखी मांग, नो कास्ट नो रीजन नो गॉड सर्टिफिकेट चाहिए
Balod News बालोद जिले के व्यक्ति ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय पहुंच कर नो कास्ट, नो गॉड, नो रीजन सर्टिफिकेट की मांग रखी है. प्रार्थी का मानना है कि सिस्टम में जितने भी प्रमाण पत्र मिलते हैं, आरक्षण जैसे सर्टिफिकेट केवल लोगों को पीछे धकेलने का काम करते हैं."
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सर्व धर्म में आस्था:युवक ने कहा कि "सभी धर्मों में मेरी आस्था है और मैं किसी धर्म का नहीं हूं. उसने कहा कि "ना मैं आस्तिक हूं, ना मैं नास्तिक हूं. परंतु क्यों सिस्टम ने ऐसा बनाया है कि हम किसी धर्म के बंधन में रहते हैं. भारत में या छत्तीसगढ़ में आधे से ज्यादा तनाव जाती और धर्म के नाम पर होता है."
भारतीय हैं और रहेंगे:युवक ने कहा कि "मैं किसी धर्म जाति को नहीं मानता. मैं एक भारतीय हूं और इसलिए मैं यह सर्टिफिकेट मांगने के लिए आया हूं. क्यों हम किसी धर्म समाज के बंधनों में बंधते रहें. हमारा राष्ट्र प्रेम ही हमें भारतीय होने का सर्टिफिकेट दिलाती है." उसने कहा कि "मैं भारतीय हूं और मुझे जो सर्टिफिकेट मैं मांग रहा हूं, कृपया शासन व प्रशासन उसे दें." युवक आज एसडीएम कार्यालय पहुंचा हुआ था. इससे पहले युवक भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष भी अपने अजीबोगरीब मांग को रख चुका है. युवक का कहना है कि "मैं भारतीय के रूप में जीवन यापन करना चाहता हूं."