बालोद :छत्तीसगढ़ के हर जिले में इस बार विधानसभावार मतदाता जागरुकता अभियान के तहत स्वीप कार्यक्रम चलाया गया. इस कार्यक्रम में लोगों को मतदान की ताकत को समझाया गया.लोगों को ये बताया गया कि उनका एक वोट कितना असरदार हो सकता है.इस अभियान के बाद लोगों में जागरुकता बढ़ी और लोगों ने बढ़चढ़कर अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाया.ऐसी ही एक महिला हैं.बालोद जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम जगतरा में रहने वाली आदिवासी महिला पुष्पा बाई नुरूटी. जिनकी उम्र 65 साल है.जो इस बार होने वाले चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगी.
क्यों नहीं डाल पा रहीं थी पुष्पा बाई वोट ?:पुष्पा बाई कम पढ़ लिखी हैं.ऐसे में जब मतदान जागरुकता टीम उनके पास पहुंची तो उन्हें पता चला कि पुष्पा मतदान नहीं करती.जब पुष्पा ने दल को कारण बताया तो सब हैरान थे.पुष्पा ने बताया कि वो ग्राम जगतरा की निवासी है. जगतरा के ग्रामीण जमरुवा गांव के मतदान केंद्र में वोट डालने जाते थे.उस समय पुष्पा का नाम भी मतदाता सूची में था.इसके बाद जगतरा स्वतंत्र पंचायत बना.लिहाजा जमरुवा गांव का बूथ परिसीमन के बाद जगतरा में आया.लेकिन जब नई मतदाता सूची बनीं तो पुष्पा का नाम छूट गया. इसके बाद किसी ने भी ध्यान नहीं दिया.लिहाजा तब से लेकर अब तक पुष्पा का नाम नहीं जुड़ पाया.
कब डाला था अंतिम बार वोट : मतदान के विषय पर जब हमने ग्रामीणों से पूछा तो ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 40 से 45 वर्ष हो गए हैं. जब हमारे गांव के लोग पड़ोस के गांव में मतदान करने जाते थे. पुष्पा बाई ने बताया कि पता नहीं मेरा नाम कैसे मतदाता सूची से बाहर हो गया था और मैं लगभग 40 वर्षों से मतदान केंद्र के दर्शन नहीं की हूं.पुष्पा बाई ने बताया कि जिस समय उन्होंने अंतिम बार वोट डाला था. उस समय बैलेट पेपर का जमाना था. अब वह उत्साहित हैं कि उसे ईवीएम मशीन से मतदान करने का मौका मिलेगा.
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