बालोद :भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता एवं रायपुर नगर निगम के पूर्व सभापति संजय श्रीवास्तव ने तीखे शब्दों में प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुऐ मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की उन्होंने कहा कि ''छत्तीसगढ़ में आईटी की रेड पड़ती (BJP questions from Bhupesh Sarkar regarding IT raid ) है. करोड़ों रुपए के काले कारोबार का खुलासा होता है और मुख्यमंत्री के जुबान से उफ तक नहीं निकलती. जांजगीर चांपा में निर्भया कांड को दोहराया जाता है और मुख्यमंत्री यहां के मामलों को छोड़ दिल्ली में पत्रकार को गिरफ्तार कराने अपनी टीम भेजते हैं.''
आईटी रेड खुलासे के बाद शांत क्यों है भूपेश सरकार : संजय श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ महतारी हुई शर्मसार :संजय श्रीवास्तव ने कहा कि ''कांग्रेस की भ्रष्ट भूपेश सरकार के कारण छत्तीसगढ़ महतारी एक बार फिर शर्मसार हुई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी के दुर्ग स्थित आवास में आईटी विभाग ने 24 महीने में दूसरी बार रेड (Allegations leveled by BJP against CM Bhupesh in Balod) किया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री के करीबी सूर्यकांत तिवारी एवं उनके पार्टनर के साथ कुल 30 स्थानों में कार्यवाई की. इस रेड में कुल 9.5 करोड़ अघोषित कैश एवं 4.5 करोड़ की ज्वेलरी बरामद हुई.
200 करोड़ के कलेक्शन का प्रमाण : संजय श्रीवास्तव ने कहा कि
''साथ ही 200 करोड़ से अधिक के कलेक्शन के भी प्रमाण मिले हैं. यह रेड मुख्य रूप से प्रदेश में कोल ट्रांसपोर्ट से हो रही अवैध कमाई को भी प्रमाणित करती है. इस जांच के दौरान 50 करोड़ की अचल संपत्ति के दस्तावेज भी आईटी विभाग को प्राप्त हुए हैं.उन्होंने कहा कि विभाग का दावा है कि जांच के दौरान कर चोरी के कई पुख्ता दस्तावेज मिले हैं.साथ ही एकाउन्ट सीट्स और डिजिटल साक्ष्य भी प्राप्त हुये हैं.आयकर अधिकारियों के अनुसार जांच के दौरान सरकारी अधिकारियों को भी नकद भुगतान किये जाने के साक्ष्य मिले हैं जो कि बहुत गंभीर हैं, जिन्हें आईटी विभाग द्वारा गंभीरता से जांच किया जा रहा है. साथ ही जांजगीर की घटना छत्तीसगढ़ के महतारी के ऊपर काला धब्बा (Statement of BJP spokesperson Sanjay Srivastava in Balod ) है.''
मामले में कौन है दोषी : संजय श्रीवास्तव ने कहा कि
''इस पूरी कार्यवाई में दो लोग मुख्य केंद्र बिंदु रहे, एक सूर्यकांत तिवारी और दूसरी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी. यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि ''दोनों ही भूपेश बघेल के लिए काम कर रहे हैं. तो इसका मतलब इन दोनों को प्रदेश के मुखिया का संरक्षण है और इन्हीं की शरण में दोनों प्रदेश को लूटने में लगे हुए हैं. यह सरकार पूरी तरह अपने 3.5 साल के कार्यकाल में ही भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है. इस भ्रष्ट सरकार के कारण छत्तीसगढ़ महतारी का सर शर्म से झुक गया है.''
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बीजेपी शासन में भी होती रही है कार्रवाई :संजय श्रीवास्तव ने कहा कि''भाजपा ने भी 15 वर्षों तक सरकार चलाई और इनमे से 10 वर्षों तक कांग्रेस के शासन काल में सरकार चलाई. उस दौरान भी प्रदेश में कई आईटी के छापे भी पड़े. लेकिन हमारी सरकार पर कभी आंच नहीं आई. इस कांग्रेस की सरकार से जुड़े लोगों के विरुद्ध दो बार आईटी विभाग ने कार्यवाई किया. यदि राज्य सरकार वर्ष 2020 में की गई कार्यवाई से जुड़े लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई करती तो आज ये नौबत नहीं आती. जबकि आईटी विभाग द्वारा राज्य सरकार को वर्ष 2020 में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के लिए पत्र भी भेजा गया. लेकिन जब मुखिया का ही संरक्षण है तो कार्यवाई कौन करेगा. प्रदेश की जनता सब कुछ देख रही है. वह 2023 में इसका हिसाब करेगी.''