छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

ये थे छत्तीसगढ़ के पहले शहीद, मजदूरों के हक की आवाज को किया था बुलंद - शंकर गुहा नियोगी की पुण्यतिथि़

छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शंकरगुहा नियोगी को उनके पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी गई. महज 48 साल की उम्र में गुहा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

लोगों की भीड़

By

Published : Sep 30, 2019, 9:32 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 11:32 AM IST

बालोद: छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शहीद कामरेड शंकर गुहा नियोगी की पुण्यतिथि मनाई गई. इस मौके पर हजारों की संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे. इस दौरान कई लोग ने भावुक होकर उनकी कुर्बानी को याद किया. गुहा की 28 साल पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वे मजदूरों के हक के लिए लड़ाई लड़ने वाले व्यक्ति थे.

मजदूरों के हक की आवाज शंकरगुहा नियोगी

नियोगी छत्तीसगढ़ की जमीनी हकीकत से वाकिफ थे, लिहाजा एक ओर तो वह औद्योगिक और खदान मजदूरों की लड़ाई लड़ रहे थे. वहीं दूसरी ओर उद्योगों और खदानों के कारण अपनी जमीन से बेदखल हो रहे किसानों के संघर्ष में साथ थे. दल्ली राजहरा माइंस को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले नियोगी ने लोहे की खदान में मजदूर के रूप में काम किया.

प्रदेश के पहले शहीद
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के रूप में उन्होंने एक बड़ा श्रमिक संगठन बनाया. नियोगी पूंजीवादियों की नीतियों के खिलाफ मजदूरों की आवाज बने, इसलिए महज 48 साल की उम्र में उनके अस्थायी निवास में खिड़की से निशाना बनाकर गोली मारी दी गई. उनके विचारों के साथ प्रदेश कि जनता आगे बढ़ती रही. गुहा प्रदेश के पहले शहीद के रूप में भी जाने जाते हैं.

Last Updated : Sep 30, 2019, 11:32 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details