बालोद: शिकारीपारा क्षेत्र के नगरवासी इन दिनों तालाब की गंदगी और उससे आने वाली बदबू से खासे परेशान हैं. मोहल्ले वालों का कहना है कि यहां मलेरिया जैसी बीमारी तो आम बात हो गई है. मोहल्ले वालों ने बताया कि कई बार नगर पालिका को इसकी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन आजतक नगर पालिका का अमला यहां नहीं पहुंचा है. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब हम किसी बड़ी महामारी से ग्रसित होकर मरने लगेंगे, तब नगर पालिका की नींद खुलेगी. मोहल्लेवासियों ने बताया कि शिकारीपारा क्षेत्र के बस्ती के बीचो-बीच तो तालाब स्थापित हैं, जिसमें से एक तालाब निठारी है और एक तालाब निजी है, लेकिन निस्तार तालाब की स्थिति बेहद दयनीय है.
मुद्दा शिकारीपारा मोहल्ला शहर का काफी प्राचीन और सबसे बड़ा मोहल्ले में से एक है. यहां पर लगभग पांच हजार की आबादी है. लेकिन जिम्मेदार नगर पालिका ने इस मोहल्लेवासियों से भेदभाव किया जाता है. यहां पर तालाब में मछलियां मर कर पानी में तैरती रहती हैं, जिसकी बदबू से वहां के लोग परेशान हैं. जबकि लोगों ने निठारी के लिए उस तालाब का उपयोग किया जाता है.
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