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बालोद में पंचायत सचिवों ने शासकीयकरण की मांग को लेकर किया प्रदर्शन - Panchayat secretary protest in balod

बालोद जिले के सभी पंचायत सचिव परिवीक्षा अवधि पश्चात शासकीय करण की मांग लेकर नए बस स्टैंड में धरने पर बैठ गए. जिसके कारण सभी पंचायतों में काम ठप हो गया. वहीं पंचायत सचिवों का कहना है कि सरकार हमें राज्य कर्मचारी के दर्जा दे.

Panchayat Secretary protest
बालोद में पंचायत सचिवों का प्रदर्शन

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Published : Mar 7, 2022, 8:56 PM IST

बालोद:बालोद जिले के सभी पंचायत सचिव प्रोबेशन अवधि पश्चात शासकीय करण की मांग लेकर नए बस स्टैंड में धरने पर बैठ गए हैं. जिसके कारण सभी पंचायतों में काम प्रभावित हो चुका है. वहीं पंचायत सचिवों ने कहा कि आज सांकेतिक रूप से वे वादा निभाओ रैली के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं. आज से बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है. हमारे लिए तो कोई विशेष बजट की जरूरत भी नहीं. लेकिन सरकार हमें राज्य कर्मचारी घोषित करें. नहीं तो सभी पंचायत सचिव रायपुर में 9 मार्च को तेज आंदोलन करेंगे.

बालोद में पंचायत सचिवों का प्रदर्शन

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48 विभागों का करते हैं काम
पंचायत सचिवों ने बताया कि 'ग्रामीण स्तर पर पर हर कार्य को संभालते हैं. हम यहां पर 48 विभागों का कार्य करते हैं. लेकिन सरकार द्वारा हमारे कार्यों का सम्मान नहीं किया जा रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण काल में भी उन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना कार्य किया है. लेकिन कई सारे दबाव में जीवन बसर करने वाले सचिवों की आज सुनने वाला कोई नहीं है. कई सचिव अपना जीवन समर्पित कर गए. कई सचिवों ने आत्महत्या कर ली. शासकीयकरण ना होने के कारण उन्हें किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिला है.

पंचायत सचिव सीमा सेन ने कहा कि "मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद बीते 21 दिसंबर को शासकीयकरण की सौगात देने की बात कही गई थी. इन्हीं आश्वासन के बाद हमलोगों ने हड़ताल वापस किया था. लेकिन दो महीने से अधिक बीत जाने के बाद सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की जा रही है."


25 साल से जारी है मांग
बालोद जिला सचिव संघ के अध्यक्ष योगेश चंद्राकर ने कहा कि, "पिछले 26 सालों से प्रदेश के सचिव अपनी मांगों को रखते हुए आ रहे हैं. साल 2020 में 26 दिसंबर से 23 जनवरी 2021 तक कुल 26 दिनों तक सचिव संघ हड़ताल पर चले गए थे. जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने संघ के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की थी. उन्होंने शासकीयकरण करने का आश्वासन दिया था और हड़ताल को खत्म करने की बात कही थी."

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