बालोद:छत्तीसगढ़ ओबीसी वर्ग महासभा द्वारा लगातार ओबीसी वर्ग की समस्याओं को लेकर रणनीति तय की जा रही है. बालोद में ओबीसी वर्ग महासभा द्वारा आज मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को मांग पत्र सौंपते हुए महासभा ने मांग रखी है कि ओबीसी वर्ग की भी जनगणना (letter to CM bhupesh baghel) होनी चाहिए. साथ ही ओबीसी वर्ग की कई ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे शासन को अवगत कराया जाए. लेकिन हमारी मांगें अब तक पूरी नहीं हो पाई है. ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग भी की जा रही है.
बालोद में ओबीसी वर्ग महासभा ने खोला मोर्चा "ओबीसी वर्ग महासभा की बड़ी भूमिका" :प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी वर्ग महासभा राधेश्याम साहू ने कहा कि "विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की आजादी के बाद आज तक देश-प्रदेश के विकास एवं अर्थव्यवस्था में 'रीढ़ की हड्डी' की तरह महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की लगभग 50 प्रतिशत आबादी निवासरत है. वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष एवं गृहमंत्री भी ओबीसी वर्ग से आते हैं.
"ओबीसी वर्ग के साथ हो रहा अन्याय":ओबीसी वर्ग महासभा के महिला विंग की खिलेश्वरी साहू ने आरोप लगाया कि "लगातार ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय हो रहा है. एक तरफ पिछड़ा वर्ग जहां समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. वहीं शासन द्वारा ओबीसी वर्ग के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं (letter to CM bhupesh baghel) उठाया गया है.
यह भी पढ़ें:छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों का हल्लाबोल
"गीदम मामले पर हो शीघ्र गिरफ्तारी": गीदम निवासी विनोद साहू एवं उनकी पत्नी साधना साहू के साथ गाली गलौज एवं मारपीट के मामले पर थाना में अलग-अलग एफ.आर.आई. दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. आरोपी संतोष ठाकुर एवं साथी की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की जाती रही है.
वन पट्टा दिये जाने की मांग: ओबीसी वर्ग महासभा ने आज मांग किया कि "अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत ओबीसी वर्ग को एसटी के समान अधिकार मिले और उन्हें वन पट्टा भी दिया जाए. उनके साथ कोई भी घटना घटित होती है, तो उन्हें प्राथमिकता में लेकर पुलिसिया व प्रशासनिक कार्रवाई (letter to CM Bhupesh baghel) की जाए.
"ओबीसी वर्ग का हो अलग फॉर्मेट":राष्ट्रीय जातिगत जनगणना 2021 में ओबीसी वर्ग के लिए अलग फॉर्मेट, अलग कोड नंबर की मांग भी पिछड़ा वर्ग महासभा ने (letter to CM Bhupesh baghel) रखी है. पिछड़ा वर्ग महासभा का आरोप है कि 2 साल से हमने जितने भी मांग पत्र शासन-प्रशासन को सौंपे हैं. उस पर अब तक किसी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.