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पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों की हड़ताल से मनरेगा का काम प्रभावित

सचिव और रोजगार सहायक के धरने पर बैठने से पंचायती व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. इसका असर मनरेगा पर भी दिख रहा है. जिसे लेकर ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं.

Villagers sitting on strike
धरने पर बैठे ग्रामीण

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Published : Jan 12, 2021, 6:35 PM IST

बालोद: छत्तीसगढ़ के सचिव और रोजगार सहायक धरने पर बैठे हुए हैं. जिसके कारण पंचायती व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. रोजगार मूलक काम बंद है. निर्माण कार्य बंद है. अब तक प्रशासन और शासन की ओर से किसी तरह की कोई भी सकारात्मक चर्चा नहीं हुई है. इसका असर ग्रामीण क्षेत्रों में साफ देखने को मिल रहा है. मनरेगा जो की हितग्राही मूलक कार्य है वह भी ठप पड़े हुए हैं. ऐसे में अब गांव के लोग सरकार से काम मांगने आ रहे हैं. डौंडी विकासखंड के पुसावड़ गांव के ग्रामीण मंगलवार को रोजगार गारंटी योजना चालू करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए.

धरने पर बैठे ग्रामीण

इस दौरान पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवलाल ठाकुर इस धरने का समर्थन करने पहुंचे. उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार शायद ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने की मंशा में नहीं है. शायद यही कारण है कि रोजगार जैसे गंभीर मुद्दे को लेकर राज्य सरकार किसी तरह की कोई कोशिश नहीं कर रही है. रोजगार सहायक और सचिव पीछले 15 दिनों से हड़ताल पर हैं. लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

पढ़ें:18 दिन बाद ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की हड़ताल स्थगित

मनरेगा से चलता है जीवन

ग्रामीणों का कहना है कि रोजगार गारंटी योजना से होने वाली मजदूरी भुगतान की बदौलत ही ग्रामीण इलाकों में लोगों का घर चलता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों के आंदोलन पर चले जाने से इसका असर मनरेगा पर दिखने लगा है. रोजगार गारंटी योजना शुरू नहीं होने की स्थिति में आगे भी यह आंदोलन जारी रहने की बात ग्रामीण कह रहे हैं.

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