बालोद: काम करने के लिए हैदराबाद गए कई मजदूर अब अपने राज्य वापस लौट गए हैं. वे यहां पहुंचकर खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने हैदराबाद में ही रह गए मजदूरों के लिए चिंता जाहिर की है और छत्तीसगढ़ सरकार से उनकी वापसी की गुहार लगाई है.
हैदराबाद से वापस लौटे मजदूरों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में बाहर से आए मजदूर तो सुरक्षित हैं, लेकिन जो मजदूर प्रदेश से बाहर रह रहे हैं, उन्हें काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इनमें मजदूर और छात्र दोनों शामिल हैं.
मजदूरों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार हजारों किलोमीटर पैदल चलकर छत्तीसगढ़ पहुंचे मजदूर
बता दें कि सैकड़ों मजदूर पैदल चलकर वापस अपने प्रदेश लौटे हैं. इनमें से एक मजदूर डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम नारगी का रहने वाला है. मजदूर ने कहा कि उसने रायपुर AIIMS में अपनी जांच कराई है, जहां डॉक्टरों ने उसे सुरक्षित बताया है. मजदूर ने बताया कि अब भी कई मजदूर हैदराबाद में ही फंसे हुए हैं और वहां उनकी स्थिति बहुत ही खराब है. उसने कहा कि वहां रह रहे मजदूरों को 15 दिन में एक बार राशन मिलता है.
भूखे पेट रहकर दिन गुजार रहे मजदूर
मजदूर ने बताया कि सरकार ने घोषणा की थी कि 12 किलो चावल और 500 रुपए दिए जाएंगे, जिसे लेने वे कई बार गए, लेकिन वहां कुछ भी नहीं मिला. मजदूर ने यह भी बताया कि किसी को भोजन दिया जा रहा है, तो किसी को नहीं दिया जा रहा है. वे भूखे पेट रहकर अपना एक-एक दिन गुजारने को मजबूर हैं.