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बालोदः आदिवासी वार्षिक मेले से सरकार को चेतावनी

बालोद में आदिवासी समाज ने राजा राव पठार में तीन दिवसीय वीर मेले का वार्षिक आयोजन किया है. मेले में समाज के दिग्गज नेताओं ने शासन-प्रशासन को कई मुद्दों पर घेरा और सवाल किए.

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Published : Dec 10, 2019, 3:40 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 4:26 PM IST

Tribal annual fair
आदिवासी वार्षिक मेला

बालोदः आदिवासी समाज ने राजा राव पठार में तीन दिवसीय वीर मेले का वार्षिक आयोजन किया है. जहां सोमवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके और पूर्व केंद्रिय मंत्री अरविंद नेताम और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय उपस्थित रहे.

आदिवासी वार्षिक मेला

मेले में समाज के दिग्गज नेताओं ने सारकेगुड़ा नरसंहार, पेशा एक्ट,संविधान की पांचवी अनुसूची और आदिवासी अधिकारों के हनन सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश से 20 प्रतिशत आदिवासी आबादी गायब हैं. जिसे लेकर आदिवासी नेताओं ने सवाल उठाए.

समाज दिखाएगी अपनी ताकत
आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि सारकेगुड़ा रिपोर्ट से पुलिस की पोल खुल गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अर्धसैनिक बलों की आवश्यकता नहीं है. फिर भी उन्हें क्यों बुलाया जा रहा है. अब हम सब जलियांवाला बाग की तरह सारकेगुड़ा में भी स्मारक बनाने जा रहे हैं. शासन-प्रशासन पूरी तरह आदिवासियों का तिरस्कार कर रही है. उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ एक जांच रिपोर्ट आई है, आने वाले दिनों में भीमा मंडावी हत्याकांड, ताड़मेटला कांड सहित अन्य रिपोर्ट आने वाले हैं, जिसके बाद आदिवासी समाज अपनी ताकत दिखाएंगे.

पेशा एक्ट का पालन नहीं
समाज के प्रति सजग पूर्व सांसद सोहन पोटाई ने कहा कि जो अधिकार संविधान में दिए गए हैं उसका पालन शासन और प्रशासन द्वारा आज तक नहीं किया गया. फर्जी एनकाउंटर हो रहे हैं और पेशा एक्ट का भी पालन नहीं हो रहा है. साथ ही वे मौजूदा कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते नजर आए.

बैठक से अधिकारी रहे नदारद
अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय ने कहा कि फर्जी नक्सली के मामले आ रहे हैं जो सही नहीं है. फर्जी एनकाउंटर हो रहे हैं. जिसे शासन- प्रशासन के लोग मानने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं किसी पार्टी विशेष पर न जाकर समाज और आदिवासियों के हित में कह रहा हूं. प्रदेश में प्रशासन आदिवासियों को लेकर पूरी तरह सजग नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासियों के अधिकार के विषय पर प्रशासन के साथ बैठक किए जाने पर अधिकारी नदारद रहते है.

Last Updated : Dec 10, 2019, 4:26 PM IST

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