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'किसी महिला का घर तोड़कर आयोग चलाने से अच्छा, बीजेपी के हिसाब से एंटी वूमेन चलाऊं'

महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बीते महीने कहा था कि लड़कियां पहले मर्जी से लिव इन में रहती हैं, फिर रेप का केस दर्ज कराना चाहती हैं. इसको लेकर प्रदेश में बवाल मच गया था. बालोद में किरणमयी नायक ने इस बयान के पीछे की पूरी कहानी बताई.

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Published : Jan 24, 2021, 1:03 AM IST

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महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक

बालोद:छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉक्टर किरणमयी नायक एक दिवसीय दौरे पर बालोद पहुंची. बालोद में महिलाओं से संबंधित केसेस की सुनवाई की. किरणमयी नायक प्रेस वार्ता की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एंटी वूमन के आरोप पर सफाई दी. किरणमयी ने कहा कि भाजपा ने तथ्य को बिना जाने जगह-जगह उनका पुतला दहन किया. जबकि वे एक केस के आधार पर बयान दी थी.

एंटी वूमन के आरोप पर बयान

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किरणमयी नायक ने स्पष्ट किया. कहा कि उस बयान को लेकर मैं अडिग थी, हूं और सदैव रहूंगी. उन्होंने बयान के पीछे कि सच्चाई बताई. कहा कि अगर एक परिवार का घर बचाकर भाजपा मुझे एंटी वूमन कहती है, तो हूं मैं एंटी वूमन हूं. भाजपा ने पूरा मामला समझा ही नहीं. निकल पड़े पुतला फूंकने.

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ये है पूरा मामला
किरणमयी ने कहा कि बिलासपुर का एक मामला था. आरक्षक शादीशुदा था. उसके तीन बच्चे थे. ये बात जानते हुए एक अन्य महिला उसके साथ 4 साल तक लिव इन में रही. उसके बाद महिला ने आरक्षक पर शादी के लिए दबाव डाला. वो अपनी पत्नी को तलाक दे. उससे शादी करे. जब उसने मना किया तो आरक्षक के पर उसने 376 की रिपोर्ट दर्ज करा दी.

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वे एक अवैध विवाह कैसे करा सकती हैं ?

किरणमयी ने कहा कि मामला आयोग में आया. हमने पूछा रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद आयोग में आना औचित्य नहीं है. उस महिला ने कहा कि मैडम मेरी शादी करा दो. किरणमयी ने कहा कि वे एक अवैध विवाह कैसे करा सकती हैं. बिना उसकी पत्नी के तलाक के संभव नहीं है. उसमें उसकी पत्नी का क्या कसूर है, जबकि लिव इन में रहने वाले दोनों बालिग हैं. वे दोनों समझदार थे. जानबूझ कर इस रिश्ते को बनाए रखा.

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एंटी वूमेन चलाना बेहतर

किरणमयी ने कहा कि किसी की पहली पत्नी का घर तोड़ने की ज़िम्मेदारी लेकर महिला आयोग नहीं चलाना है. उससे बेहतर बीजेपी जो मुझे एंटी वूमेन कहती है. वो चलाना बेहतर है.

लिव इन के आ रहे मामले
महिला आयोग के अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप के कई मामले आ रहे हैं. हमारे अधिकारी-कर्मचारी परेशान हैं. कह रहे हैं कि लिव-इन का सील बनाना अनिवार्य हो गया है. वे इसके लिए अनुमति मांगते हैं. जबकि ये सब अवैध है, तो हम अनुमति कैसे दे और अनुमति को रद्द कैसे करें.

नेताओं ने दी शाबाशी

किरणमयी नायक ने कहा कि मेरे नेताओं ने मुझे बधाई दी. संवैधानिक पद में होने के बावजूद भी आपका पुतला दहन हो रहा है. उन्होंने कहा कि मैं किसी का घर तोड़ने यहां पर नहीं आई हूं. मैं किसी अवैध रिश्ते को मान्यता नहीं दे सकती. भले मैं लोगों की नजरों में कुछ दिखूं. मेरा जो कर्तव्य है, मैं उसे निभाते आऊंगी.

11 दिसंबर को दिया था बयान

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने दुष्कर्म के मामलों को लेकर 11 दिसंबर को ETV भारत पर बयान दिया था. ईटीवी भारत से किरणमयी नायक ने कहा कि, 'लड़कियां मर्जी से गलत संबंधों में पड़ती हैं. पढ़ी-लिखी होकर गलत रिश्ते में रहती हैं फिर रिपोर्ट लिखवाने आती हैं. ऐसी लड़कियां न्याय की उम्मीद न करें क्योंकि आपने गलत किया है. ये फिल्मी तरीके हैं कि लोग लिव इन में रह रहे हैं, हीरो-हिरोइन रह रहे हैं तो यहां भी यही शुरू कर दें. ये गलत परंपरा है. इन सबके चक्कर में महिलाओं और लड़कियों को नहीं आना चाहिए.'

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