बालोद:देश अपनी आजादी का 75वां वर्षगांठ मना रहा है. पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. देश के प्रधानमंत्री ने पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान चला रखा है. आगामी 13 से 15 अगस्त को इस अभियान की शुरुआत होगी. हालांकि बालोद में यह अभियान इसलिए बेहद खास होता जा रहा है क्योंकि हर घर झंडा पहुंचाने की जिम्मेदारी बालोद की बेटियों के हाथों है. इस जिले में जिला परियोजना लाइवलीहुड के माध्यम से वहां पर सिलाई सीखने वाली युवतियां तिरंगे का निर्माण कर रही है. कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर इन बेटियों को लगभग 10 हजार झंडा बनाने का लक्ष्य दिया गया है.
बेटियों को हो रहा गर्व:बालोद की बेटियों को अपने काम पर काफी गर्व है. इन बेटियों ने बताया, "हम सब यहां पर सिलाई सीखने आए हैं. जब हमें आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इस अभियान का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया गया, तो हम सब काफी खुश हुए. हम सब सहेलियां मिल-जुलकर मशीनों के माध्यम से झंडे की सिलाई कर रहे हैं.
खादी ग्रामोद्योग से आपूर्ति:बालोद कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में खादी ग्राम उद्योग के माध्यम से कपड़े की सप्लाई लाइवलीहुड में की जा रही है. जहां से साइज काट कर इन युवतियों को दिया जा रहा है. खादी ग्रामोद्योग द्वारा लगातार मटेरियल भेज रहे हैं. यहां काफी तेजी से तिरंगे झंडे का निर्माण किया जा रहा है.
बेटियों का बनाया तिरंगा लहराएगा हर घर:बालोद जिले के लिए यह विषय केवल अनुभूति ही नहीं बल्कि गर्व का भी है. क्योंकि हम अपने घरों में जो झंडा लहराएंगे, उनका निर्माण हमारे देश की बेटिया कर रही है. जी हां इन युवतियों को कलेक्टर ने बेहद अहम जिम्मेदारी दी है. यह वह छात्राएं हैं जो कि लाइवलीहुड के माध्यम से सिलाई का प्रशिक्षण कर रही हैं. परंतु आने वाले कुछ दिनों में उनका एग्जाम है. उन्हें एग्जाम से पहले एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी यानी कि तिरंगा झंडा निर्माण का काम दिया गया है. जिससे वे बेहद खुश हैं. उनका बेहतर प्रैक्टिस हो पा रहा है. प्रशासन ने आगे इन युवतियों के लिए कुछ न कुछ बेहतर करने का सोच रखी है.
पहले आए थे सैंपल:सबसे पहले सैंपल दिया गया था और पहले लॉट में 24 मीटर का कपड़ा आया था, जिसे इन बेटियों ने फटाफट पूरा कर लिया. जिसके बाद खड़ी ग्रामोद्योग के माध्यम से पुनः कपड़ों की सप्लाई की जा रही है. 24 मीटर के एक लॉट में 250 झंडे बनाए जा सकते हैं.