बालोद:छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में गुरुवार को बारिश के दौरान खेत की रखवाली एक हेडमास्टर को भारी पड़ गई. हाथियों से गन्ने की फसल को बचाने हेडमास्टर बारिश के बीच खेत पर गया था. इसी दौरान आकाशीय बिजली उनपर गिर गई. आसपास के लोगों ने तुरंत उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. 35 साल का कौशल कोठारिया राघोनवागांव के शासकीय स्कूल में हेडमास्टर के पद पर पदस्थ था. युवा हेडमास्टर की मौत से गांव और स्कूल में शोक का माहौल है. (Headmaster dies due to lightning in Balod)
हाथियों ने उजाड़ा खेत:बालोद जिले में गुरुवार सुबह से ही तेज गरज चमक के साथ बारिश हो रही है. कुछ जगहों से आकाशीय बिजली गिरने की भी सूचना है. मृतक हेडमास्टर कौशल कोठारिया का खेत चंदा हाथी के प्रभाव वाले क्षेत्र में आता है. बीते दिन हाथियों ने खेत में लगी गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचाया था. इसी का जायजा लेने और खेत की रखवाली करने कोठारिया अपने खेत गया था. इसी दौरान बिजली उन पर गिर गई. आकाशीय बिजली की चपेट में आने के बाद आसपास के लोग उन्हें संजीवनी एक्सप्रेस से जिला अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. तीन दिन पहले आकाशीय बिजली गिरने से चरवाहा सहित भेड़ बकरियों की भी मौत हो गई थी. (Chanda elephants in Balod)
सावधान..एक बार फिर आ गए हैं चंदा हाथी
इलाके में चंदा हाथियों का दल सक्रिय: पिछले सप्ताहभर से बालोद जिले के जंगली इलाकों में चंदा हाथियों का दल सक्रिय है. जो जंगल से लगे खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. गांववालों में फसल के नुकसान के साथ ही जान का खतरा भी बना हुआ है. लेकिन मजबूरी के कारण उन्हें खराब मौसम में भी अपने खेतों में जाकर रखवाली करनी पड़ रही है. जहां वे आकाशीय बिजली की चपेट में आ जा रहे हैं. (havoc of Chanda elephant in Balod )
जानिए क्या है आकाशीय बिजली, कैसे इससे बचें
आकाशीय बिजली (lightning) से हर साल देश में कई लोगों की मौत हो जाती है. आकाशीय बिजली (lightning) की चपेट में आने से बड़ी तादाद में मवेशी भी इसकी जद में आ जाते हैं. बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां भी इस प्राकृतिक आपदा से हर साल लगभग 100 लोगों की मौत होती है. कई गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. खास तौर पर बारिश के मौसम के ठीक पहले बिजली गिरने से लोगों के मारे जाने की घटनाओं में अधिकता देखी जाती है.