बालोद: राज्य सरकार की नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना (Narva Garva Ghurva Bari Scheme) के तहत जिले के प्रत्येक पंचायतों में गौठान का निर्माण किया गया है. लेकिन यहां पर गोठान अब मल्टी एक्टिविटी के केंद्र बन गए हैं. शासन- प्रशासन ने मानों कि ग्रामीण जनता को एक मंच दे दिया है.
बालोद के मुखिया जन्मेजय महोदय ने बताया कि शुरुआत में 5 -5 गौठानों के माध्यम से मल्टी एक्टिविटी केंद्र (Multi Activity Center) के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था और अब यह टारगेट भी बड़ा हो गया है. क्योंकि गौर थानों से सकारात्मक परिणाम निकलकर सामने आ रहे हैं कि गौठान अब आत्मनिर्भर भी हो चुके हैं. या यूं कह सकते हैं कि यह अपना इनकम खुद करने लगे हैं और व्यवस्था भी अब खुद करने लगे हैं. प्रशासन की ओर से शुरुआत में आर्थिक एवं प्रशिक्षण जैसे महत्वपूर्ण सहयोग किए गए थे.
179 गौठान में वर्मी कम्पोस्ट
जिले के लगभग 179 गौठान ऐसे हैं, जहां पर वर्मी कंपोस्ट का निर्माण (Vermicompost manufacturing) किया जा रहा है. यहां से गोबर की खरीदी हो रही है और उससे समूहों के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट का निर्माण (Vermicompost manufacturing) किया जा रहा है. गोबर बेचने वाले हितग्राहियों को भी समय पर भुगतान हो रहा है और इससे जो वर्मी कंपोस्ट निर्मित हो रहे हैं उससे किसान हाथों-हाथ खरीद रहे हैं. लगभग 80% वर्मी कंपोस्ट की बिक्री (Sale Of Vermi Compost) हो चुकी है.
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आज यहां के लोग जैविक खेती की ओर आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में वर्मी कंपोस्ट भी मील का पत्थर साबित हो रहे हैं. गुरुर जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चिटोद में टाइल्स का निर्माण महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से किया जा रहा है. मां गायत्री, स्व सहायता समूह (Self Help Group) के माध्यम से यहां पर पेवर ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है. इसके साथ ही अरमरीकला गौठान में सेनेटरी पैड का निर्माण किया जा रहा है. इसके साथ ही कई जगहों पर अलग-अलग नस्ल के पशु पालन किए जा रहे हैं तो कुछ जगह कड़कनाथ का भी पालन किया जा रहा है.