छत्तीसगढ़

chhattisgarh

By

Published : Dec 24, 2020, 1:37 PM IST

ETV Bharat / state

बालोद: घर की छप्पर के साथ न थाली छोड़ी न ग्लास, हाथियों ने ऐसा मचाया उत्पात

बालोद के डौंडी ब्लॉक के नर्रा टोला में हाथियों ने ऐसी तबाही मचाई कि ग्रामीणों उस मंजर को देख-देखकर दहशत में आ जा रहे हैं. मंगलवार रात 10 बजे नर्रा टोला पहुंचे हाथियों ने रात 3 बजे तक उत्पात मचाया और फिर वहां से आगे चले गए.

Elephants wreaked havoc in Narra Tola of Daundi block of Balod
बालोद के डौंडी ब्लॉक के नर्रा टोला में हाथियों ने तबाही मचाई

बालोद :जिले में हाथियों का दल अब आपे से बाहर नजर आ रहा है. मंगलवार को हाथियों के दल ने डौंडी ब्लॉक के नर्रा टोला में ऐसी तबाही मचाई की इस घटना का जिक्र करने में भी ग्रामीण थरथराने लगे हैं. ETV भारत वनांचल के ग्राम नर्रा टोला पहुंची तो गांव की स्थिति बेहद दयनीय थी. लोगों के घर तो उजड़े ही इसके अलावा खाने-पीने का सामान भी पूरा बर्बाद हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि उनके पास न खाने के लिए थाली बची न ही पानी पीने के लिए ग्लास बचा है.

बालोद के डौंडी ब्लॉक के नर्रा टोला में हाथियों ने मचाई तबाही

डौंडी ब्लॉक के नर्रा टोला की घटना

गरीबों का सब कुछ बर्बाद

भिलाई इस्पात संयंत्र के हवाई पट्टी के समीप यह गांव बसा हुआ है. डौंडी विकासखंड के ग्राम नर्रा टोला के ग्रामीण दहशत की उस रात को कभी भूल नहीं पाएंगे. ETV भारत से बात करते हुए पीड़ितों ने बताया कि लगभग 15 से 16 हाथी रात करीब 10 बजे उनके गांव पहुंच गए और सुबह 3 बजे तक उत्पात मचाते रहे. लोग जब रात को खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे तभी हाथी धमक गए उसके बाद शुरू हुआ तबाही का मंजर और जान बचाने की कवायद.

'हाथियों ने सबकुछ खत्म कर दिया, बस जान बच पाई'

हाथियों का उत्पात

ग्रामीण दया बाई ने ETV भारत को अपनी आप बीती सुनाते हुए कहा कि हाथियों ने उनके घर को चारों तरफ से घेर लिया था. घरों को काफी नुकसान पहुंचाया. इसके साथ ही घरों में रखे बर्तनों को ऐसा तोड़ा जैसे कोई प्लास्टिक का खिलौना हो. घर में लगी सीट, साइकिल सबकुछ चकनाचूर कर दिया. घर के छप्पर टूट गए. दया बाई ने बताया कि घर में दो दरवाजे है, पहले दरवाजे पर दो हाथी खड़े थे, जिसके बाद उसने दूसरे दरवाजे से रात के अंधेरे में ही खुले मैदान की ओर भाग गई. इस दौरान उसे काफी चोटें भी आई.

पढ़ें: हाथियों के उत्पात से गांव में दहशत, रतजगा करने को मजबूर हैं ग्रामीण

'खाने को थाली है ना पानी पीने को गिलास'

बर्तन भी नहीं छोड़े

ग्रामीणों के घर हाथियों ने ऐसी तबाही मचाई है कि खाना खाने के लिए उनके पास ना तो थाली हैं और ना ही पानी पीने को गिलास. हाथियों ने इनका सबकुछ तबाह कर दिया अब ये ग्रामीण वन विभाग से मुआवजे की उम्मीद लगाए बैठे हुए हैं.

रात 10 से सुबह 3 बजे तक हाथियों ने मचाया उत्पात

डौंडी ब्लॉक का नर्रा टोला गांव

प्रत्यक्षदर्शी देव सिंह ने बताया कि जब वे खाना खाने के बाद अपने-अपने बिस्तर में चले गए थे, हाथी जब इनके घरों के नजदीक पहुंचे तब उन्हें हाथियों के पास आने का पता चला. इसके बाद हाथियों घरों में लगी सीट तोड़ना शुरू कर दिया. अनाज को खाने लगे और आसपास रखे सामान को नुकसान पहुंचाने लगे. जान बचाने के डर से घर के सभी लोग बिना कुछ आवाज किए घर के एक कोने में दुबक कर बैठे रहे. लगभग रात 10 बजे से वे घर के एक कोने में बैठे रहे और सुबह 3 बजे तक वहीं रहे. 3 बजे के बाद जब हाथी उनके गांव से दूर चले गए तब वे उस कमरे से बाहर निकले.

पढ़ें: बालोद: रिहायशी इलाके की ओर बढ़ रहा 22 हाथियों का दल, हेलीकॉप्टर के जरिए रखी जा रही नजर

छत पर चढ़ कर पूरे परिवार ने बचाई जान

हाथी से खुद की और परिवार की जान बचाने वाली अहिल्याबाई ने बताया कि हाथी घरों पर हमला कर रहे थे, सामान को नुकसान पहुंचा रहे थे लेकिन उनके लिए जान की रक्षा करना पहली प्राथमिकता थी. इसलिए उनका पूरा परिवार किसी तरह अपने आप को बचाते हुए छत पर चला गया. हाथियों ने रातभर उत्पात मचाया और उनका सबकुछ बर्बाद कर दिया. अहिल्याबाई ने खुद को परिवार को सुरक्षित रखने के लिए भगवान को शुक्रिया अदा किया.

रिहायशी इलाकों में सक्रिय है हाथी

दल्ली राजहरा और डौंडीलोहार के वनक्षेत्रों के अलावा रिहायशी इलाकों में हाथियों का दल अभी भी सक्रिए है. वन विभाग इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी कर रहा है, लेकिन हाथियों से बचाव के लिए अबतक कोई ठोस रास्ता नहीं निकल पाया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details