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Balod News: रोशन नगर के रहवासियों के जीवन में अंधेरा, जानिए कैसे - रोशन नगर के रहवासियों के जीवन में अंधेरा

balod news: बालोद शहर का रोशन नगर का हाल बुरा (Balod Roshan Nagar bad condition) है. नगर का बस नाम ही रोशन है. बाकी यहां की व्यवस्था बेहद दयनीय है. यहां रहने वाले लोगों के जीवन में अंधेरा ही अंधेरा है. रोशन नगर के निवासियों की शिकायत है कि वे शहर का एक हिस्सा तो हैं. लेकिन वे प्रधानमंत्री शहरी ग्रामीण आवास योजना से मजबूरन वंचित हो रहे हैं. क्योंकि उनके पास जमीन का पट्टा नहीं हैं. जिसकी वजह से उन्हें सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. रोशन नगर के निवासी कुछ दिन पहले इस मुद्दे को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे थे.

Roshan Nagar of Balod became stronghold of irregularities
बालोद का रोशन नगर बना अनियमितताओं का गढ़

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Published : Dec 15, 2022, 5:02 PM IST

बालोद:रोशन नगर निवासी रोशनी साहू (Roshan Nagar resident Roshni Sahu) ने बताया कि "हम यहां पर दशकों से रहवासी हैं. सरकार कहती है कि वह लोगों को पट्टा वितरित कर रही है. हम भी पट्टे की मांग कर रहे हैं. हम इतने उपेक्षित हैं कि हमारे मोहल्ले में नालियां भी नसीब नहीं है. पेयजल के लिए यहां वहां भटकना पड़ता है. जब हम पट्टे की मांग लेकर अधिकारियों के पास जाते हैं तो कहते हैं कि यह जमीन पथरीली है. इस तरह वे बोलकर चले जाते हैं." ( Balod Roshan Nagar bad condition)

आवास योजना के लिए पट्टा अनिवार्य:रोशन नगर के निवासी चंपा बाई (Champa Bai, resident of Roshan Nagar) ने कहा कि "आवास योजना के लिए जब फार्म भरने जाते हैं तो उन्हें पट्टे की मांग की जाती है. पट्टा ना होने के कारण उन्हें शासन की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री शहरी ग्रामीण आवास योजना से वंचित होना पड़ रहा है. वे लगातार कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. वहीं उस नगर के कुछ लोगों ने बताया कि यहां पर नाली इत्यादि की भी काफी समस्या है."

बालोद के रोशन नगार बुरा हाल

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घर की हालत जर्जर:रोशन नगर निवासी महेश कुमार यादव (Mahesh Kumar Yadav, resident of Roshan Nagar) ने बताया कि "हम सब बाहर से यहां पर रोजी मजदूरी करने आए थे. लेकिन हमारा पूरा जीवन इसी जगह पर गुजर रहा है. हमारे मकान जर्जर है. जब शासन योजनाएं दे रही है. तो हम इसका लाभ लेना चाहते हैं." वही एक महिला ने बताया कि "जिनको आवास योजना मिले हैं. उनके यहां 3-4 पहले से मिले हुए हैं. हम जैसे गरीबों का कोई पूछने वाला नहीं है."

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