बालोद:बालोद के गुरुर नगर पंचायत में पाषदों ने बालोद कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है. कलेक्टर गौरव कुमार सिंह को नगर पंचायत गुरुर के खिलाफ शिकायत पत्र सौंपते हुए पार्षदों ने कार्रवाई की मांग की है. पार्षदों ने बताया कि कि लगभग दो करोड़ 98 लाख के कार्यों का प्रस्ताव नियम के खिलाफ पास कराया गया है. पार्षदों ने गुरुर नगर पंचायत के अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू पर गलत तरीके से प्रस्ताव पास कराने का आरोप लगाया है (Gurur Nagar Panchayat President Tikeshwari Sahu).
गुरुर नगर पंचायत में पार्षदों ने खोला मोर्चा पीआईसी की सहमति से प्रस्ताव कराया गया पास:पार्षदों का कहना है कि गुरुर नगर पंचायत की अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू ने अपूर्ण पीआईसी की सहमति से कुछ ही सदस्यों को विश्वास में लेकर विकास कार्य का प्रस्ताव पास कर दिया है. जिसको लेकर पार्षदों ने प्रस्ताव निरस्त करने की मांग की है. पार्षदों ने कहा कि नगर पंचायत गुरुर कि पीएसी बैठक में अपूर्ण पीआईसी द्वारा पारित प्रस्ताव को छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 65 के तहत निरस्त किया जाय. साथ ही पार्षदों ने उचित कार्रवाई की मांग की है ( Politics in Balod Gurur Nagar Panchayat).
गुरुर नगर पंचायत में जमकर हो रही राजनीति: दरअसल पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है. यहां पर कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू ने भाजपा समर्थित 3 पार्षदों को अपना पीआईसी मेंबर बना दिया और कांग्रेस को ठेंगा दिखा दिया. इससे पूर्व भाजपा के स्थानीय संगठन ने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था .लेकिन कोर्ट से अध्यक्ष ने स्टे ले लिया और भाजपा ने स्टे को चैलेंज भी नहीं किया. जिसके बाद अब बीजेपी पार्षदों के साथ मनमानी का आरोप अध्यक्ष पर लग रहा है.
शासन के नियमों के उल्लंघन का आरोप:पार्षद मुकेश कुमार साहू, पार्षद महिमा रेणु एवं पार्षद कुंती सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि "25 अगस्त 2022 को पीएसी की बैठक में दो करोड़ 98 लाख रुपए का प्रस्ताव पारित किया गया है. जबकि नगर पालिका अधिनियम के आधार पर मात्र 20 लाख तक के कार्यों का प्रस्ताव पारित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि शासन के नियमों का खुला उल्लंघन अध्यक्ष नगर पंचायत एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा किया जा रहा है जो कि असंवैधानिक है".
दो पीआईसी मेंबर दे चुके हैं इस्तीफा:पार्षदों ने यह आरोप लगाया कि नगर पंचायत गुरुर में पीआईसी के 2 सदस्यों ने इस्तीफा दिाय है. इस्तीफा देने वालों में प्रमोद कुमार सोनवानी और ललिता जामदार हैं. अपूर्ण पीआईसी के जरिए गुरुर नगर पंचायत में काम किया जा रहा है. कलेक्टर के पास शिकायत में पार्षदों ने बताया कि 25 अगस्त 2022 को नगर पंचायत गुरुर के समस्त शासकीय सेवक हड़ताल पर थे. जहां पर प्लेसमेंट कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर को लिपिक बनाकर पीआईसी की बैठक कर बीच बैठक में लिपिक के हाथों कागज छीनकर कार्य किया गया है.
पार्षदों ने भेदभाव का लगाया आरोप: आपको बता दें कि पार्षदों ने आरोप लगाया है कि यहां पर नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू एवं उनके साथी तीन भाजपा पार्षद चंद्रलता साहू जितेशवरी निषाद एवं अनुसुइया ध्रुव द्वारा मनमाने ढंग से गिने चुने वार्डों में सारे कार्यों को कराया जा रहा है. बाकी पार्षदों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.
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भाजपा पार्षदों से मिलीभगत का आरोप:वर्तमान में जो गुरूर में नगर पंचायत अध्यक्ष हैं. वह कांग्रेस पार्टी से अधिकृत नगर पंचायत अध्यक्ष हैं. परंतु उन्होंने भाजपा के पार्षदों को बैठक में शामिल किया और सीधे-सीधे कांग्रेस को ठेंगा दिखा दिया और अब उन्हीं पार्षदों के साथ मिलकर इस तरह के कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है. पीआईसी में उन्होंने चंद्रलता साहू जीतेश्वरी निषाद एवं अनुसूईया ध्रुव को शामिल किया है. यह सभी भाजपा समर्थित पार्षद हैं. यह भी विवाद का एक बड़ा विषय है. परंतु भाजपा एवं कांग्रेस दोनों के शीर्ष संगठन ने इस मसले को दूर से ही टाल दिया है.
घर पर नगर पंचायत का रजिस्टर रखने का आरोप:पार्षद सोनू रोहिले, उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी सहित अन्य पार्षदों ने जानकारी देते हुए बताया कि 25 अगस्त 2022 से पीआईसी के रजिस्टर को 6 सितंबर 2022 तक अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू द्वारा अपने घर पर रखा गया था. इसकी शिकायत भी की गई और प्रमाण सीएमओ को बताया गया. इस मामले में सीएमओ ने अवलोकन के दौरान बताया कि रजिस्टर अध्यक्ष के पास है इसकी आपत्ति एसडीएम गुरूर और तहसीलदार के समक्ष भी किया गया है और उन्हीं के समक्ष अध्यक्ष द्वारा घर से ही पूरा प्रस्ताव को लिखकर लाया गया है.
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एक नजर में समझिए पूरा मामला:नगर पंचायत गुरुर की अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों को अपने इशारे पर नचा दिया. सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय मंडल संगठन द्वारा यहां पर अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. फिर उन्होंने हाई कोर्ट से स्टे आर्डर लिया. जिसके बाद स्थानीय संगठन और पार्षदों ने उस स्टे आर्डर को हटाने के लिए चैलेंज करने तक की हिमाकत नहीं की. उसके बाद स्थानीय नगर पंचायत में भारतीय जनता पार्टी मानो टूटती हुई नजर आई और कांग्रेस द्वारा अध्यक्ष को निष्कासित करने के लिए प्रतिवेदन भी भेज दिया गया है. वहीं जिन पार्षदों के साथ अध्यक्ष का मनमुटाव था. आज वे सभी एक होकर चल रहे हैं. जिसे लेकर भी स्थानीय स्तर पर भाजपा की किरकिरी हो रही है और पार्टी से बगावत करने वालों पर जनता की निगाह बनी हुई है. वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा का संगठन गुरुर नगर पंचायत के अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू को भाजपा में शामिल कराने में जुटा हुआ है.