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आवारा मवेशियों की धरपकड़ शुरू, पशुओं को भेजा जा रहा गौठान

शहर में आवारा मवेशियों को पकड़न के लिए मंगलवार को नगर पालिका ने अभियान चलाया. इस दौरान नगर पालिका अमले ने सड़क पर घूम रहे आवारा मवेशियों को पकड़कर उन्हें गौठान में रखा है.

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Published : Oct 20, 2020, 7:38 PM IST

Updated : Oct 20, 2020, 7:57 PM IST

Cattles roaming in streets sent to Gothan
मवेशियों को पकड़ते पालिका कर्मचारी

बालोद: मुख्य मार्ग पर मवेशियों के कारण अक्सर ट्रैफिक बाधित होते रहता है. साथ ही सड़क दुर्घटनाएं भी होती रहती है. पशुपालकों को कई बार मवेशियों को सड़कों पर न छोड़ने के लिए समझाया गया, लेकिन इसके बाद भी सड़कों पर मवेशी घूम रहे हैं. अब नगर पालिका ने सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशियों की धरपकड़ शुरू कर दी है.

आवारा मवेशियों को पकड़कर भेजा गया गौठान

मंगलवार को नगर पालिका की टीम ने शहर की सड़कों पर घूम रहे कई मवेशियों को पकड़ कर गौठान भेजा है. दल्ली राजहरा में आवारा पशुओं से त्रस्त नगरवासियों की मांग पर नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर खुद नगर पालिका के कर्मचारियों के साथ न्यू मार्केट इलाके में घूमने वाले आवारा मवेशियों को पकड़ने पहुंचे.

मवेशियों की धरपकड़

वाहनों की टक्कर से होते हैं घायल

अक्सर देखा गया है कि रात में सड़कों पर बैठे मवेशी वाहनों की टक्कर से घायल हो जाते हैं. कभी-कभी खुद वाहन चालक भी दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. शहर के नए बस स्टैंड, गुप्ता चौक, गांधी चौक, पुराना बस स्टैंड, जैन भवन चौक, माइन्स ऑफिस के पास और थाना चौक पर हर जगह मवेशियों के झुंड सड़कों पर बैठते हैं. जो तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आकर घायल भी हो जाते हैं. घटना के बाद पशु पालक सामने नहीं आते. पशु पालक पशुओं को घरों में बांधकर नहीं रखते हैं. वे उन्हें खुला छोड़ देते हैं. इसके चलते सड़क हादसे भी हो रहे हैं. नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर ने बताया कि सड़क पर घूम रहे मवेशियों को पकड़ने की कार्रवाई की जा रही है. जिन्हें पास के गौठान में भेजा रहा है. इसके बाद जुर्माना देकर पशुपालक अपने मवेशियों को ले जा सकेंगे.

पशुओं को पकड़ते पालिका कर्मचारी

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मवेशियों को छुड़ाने नहीं आते लोग

नगर पालिका की ओर से मुनादी कराकर मवेशी मालिकों को सचेत किया जाता है. जिसके बाद भी मवेशियों को बांध कर नहीं रखा जाता है. वहीं नगर पालिका की कार्रवाई के बाद देखा गया है कि कांजी हाउस में रखे मवेशियों को लेने के लिए मवेशी के मालिक नहीं पहुंचते. नगर पालिका को ही मवेशियों के चारे की व्यवस्था करनी पड़ती है, जो कई बार नगर पालिका के लिए सिर दर्द बन जाता है.

Last Updated : Oct 20, 2020, 7:57 PM IST

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