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बालोद: हाथी के हमले से 17 साल के लड़के की मौत, 45 दिनों से इलाके में सक्रिय है दल

बालोद के खल्लारी पारा इलाके में हाथियों ने लड़के पर हमला कर दिया. जिससे उसकी मौत हो गई. करीब 45 दिनों से हाथी इस इलाके के जंगलों में सक्रिय हैं. इससे पहले कई घरों और फसलों को नुकसान पहुंचा चुके हैं.

boy dies due to elephant attack
हाथी के हमले से 17 साल के लड़के की मौत

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Published : Dec 17, 2020, 3:43 PM IST

बालोद: छत्तीसगढ़ में मानव और हाथी के बीच टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. जिले के वनांचल में बसे विकासखंड डौंडी के गांव खल्लारी पारा के एक 17 साल के लड़के को हाथी ने कुचल दिया. जिससे उसकी मौत हो गई है. पिछले 45 दिनों से हाथियों का दल इलाके में सक्रिय है. लेकिन हाथी के हमले की इलाके में यह पहली घटना है इससे पहले फसलों और घरों को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया जाता था.

बुधवार शाम 7 बजे के बाद हाथियों का दल गांव की ओर प्रवेश कर रहा था. गांव के कुछ लोग हाथियों को भगाने का प्रयास कर रहे थे. इसी दौरान हाथियों के दल ने लड़के पर हमला कर दिया. आक्रोशित हाथियों ने लड़के को काफी दूर तक घसीटा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

पढ़ें:मानव बन गया जानवर तो हाथी भी नहीं रहे साथी, कैसे रुकेगा संघर्ष?

क्षेत्र में सक्रिय है हाथियों का दल

इस क्षेत्र में लगातार हाथियों की मौजूदगी बनी हुई है. कई बार कांकेर जिला और धमतरी जिला की सिमा में प्रवेश करने के बाद भी हाथी वापस ग्राम पंचायत लिमउडीहके आश्रित गांव खल्लारी पारा, खुर्शीटिकुर, भुसावड़ सहित आसपास के गांव में क्षेत्र में लगातार हाथियों का दल विचरण कर रहा है. हाथियों का दल बालोद और कांकेर जिले के तटीय क्षेत्रों में विगत 45 से सक्रिय है. बालोद के गुरूर और डौंडी विकासखंड में हाथियों की सक्रियता बनी हुई है. वन विभाग भी लगातार लोगों को समझा रहा है कि हाथियों से दूरी बनाकर रखें. लेकिन लोग हाथियों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं. जिससे अप्रिय घटनाएं हो रही है.

लेमरू प्रोजेक्ट पर सबकी नजर

लेमरू हाथी रिजर्व प्रदेश का पहला हाथी रिजर्व होगा. जिसके अस्तित्व में आते ही सबसे बड़ी उम्मीद यही है कि हाथी और मानव के बीच छत्तीसगढ़ में जो बीते दो दशकों से संघर्ष चला रहा है. उस पर पूरी तरह से लगाम लग सकेगी. लेमरू प्रोजेक्ट में एक कॉरिडोर होगा, जिसमे हाथी रहेंगे. वन विभाग इनकी निगरानी के लिए अलग से अधिकारी और कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा, जो हाथी की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखेंगे. वन विभाग के इस काॅारिडोर में लेमरू जंगल का सबसे अधिक क्षेत्र आएगा, जो जनसंख्या बाहुल्य नहीं है.

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