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नजरों के बाद हाथों की लकीरों ने छोड़ा साथ, 'आधार' के लिए भटक रहा है बुजुर्ग

दृष्टिबाधित जागेश्वर सिंह की आंखों और हाथों की लकीरों ने साथ छोड़ दिया है. शासन के पास इनका आधार कार्ड बनाने के लिए कोई ठोस विकल्प नहीं है. जागेश्वर को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है.

आधार कार्ड बनवाने भटक रहा दृष्टिबाधित बुजुर्ग जागेश्वर सिंह

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Published : Jul 30, 2019, 7:01 PM IST

बालोद:केंद्र सरकार ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के तहत आधार कार्ड को देश के सभी नागरिकों के लिए जरूरी कर दिया है. लेकिन जिले के कुछ दृष्टि बाधित लोग ऐसे हैं जो, आज खुद की पहचान के लिए तरस रहे हैं. जिले के ग्राम कुम्हली के रहने वाले जागेश्वर सिंह जो दृष्टि बाधित हैं, आधार कार्ड नहीं बन पाने की वजह से वे शासन की कई योजनाओं से वंचित हैं.

आधार कार्ड बनवाने भटक रहा दृष्टिबाधित बुजुर्ग जागेश्वर सिंह

आधार कार्ड बनवाने भटक रहा नेत्रहीन
कुम्हली से आधार सेंटर पहुंचे जागेश्वर सिंह ने बताया कि, दृष्टिबाधित होने की वजह से उनका आधार कार्ड नहीं बनाए जाने की बात कही जा रही है. जागेश्वर ने बताया कि वो कई दिन से कार्ड बनाए जाने के लिए चक्कर काट रहे हैं.

जागेश्वर आधार नहीं बन पाने की वजह से शासन की ओर से मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं. राशन कार्ड, वृद्ध पेंशन, स्मार्ट कार्ड जैसी सुविधाएं उन्हें नहीं मिल रही हैं.

मिट चुके हैं उंगलियों के निशान
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बायोमैट्रिक सिस्टम से दोनों हाथों की उंगलियों के निशान, अंगूठे के निशान, आंखों के रेटिना की स्कैनिंग की जाती है, लेकिन जो व्यक्ति नेत्रहीन है उसका आधार कार्ड नहीं बन पाता है और उम्र ढलने के साथ ही हाथ की रेखाएं भी धुंधली पड़ जाती हैं.

नहीं रह जाता कोई विकल्प: आधार कार्ड एजेंट
तहसील कार्यालय बालोद के अधिकृत आधार कार्ड बनाने वाली ललित भारती ने बताया कि, 'अब तक इस तरह का कोई नया अपडेट नहीं आया है, यह उच्च स्तर तक आता है. हम प्रयास करते हैं पर नहीं बन पाता तो और कोई विकल्प नहीं रह जाता है.'

शासन के पास नहीं है कोई ठोस विकल्प
जिले के ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर इंद्रजीत सेन ने बताया कि, 'आंख का रेटिना अगर काम ना करे, तो फिंगर प्रिंट के हिसाब से आधार बनाया जा सकता है. इन सब के अलावा अगर दोनों नहीं हैं, तो हाथ कटा है बता कर भी आधार बनाया जा सकता है. लेकिन दोनों काम न कर पाने की स्थिति में कैसे आधार बनाये इसका फिलहाल कोई नया आदेश नहीं आया है.'

नहीं है कोई ठोस विकल्प

जिले में दृष्टिबाधित लोगों के आधार कार्ड कैसे बनाएं इसके लिए फिलहाल कोई ठोस विकल्प नहीं है और न ही शासन स्तर से इसके लिए कुछ विकल्प दिए गए हैं. अब अगर जल्द ही नया विकल्प नहीं बनाया गया तो इस तरह से दिव्यांगों का आधार कार्ड ही नहीं बन पाएगा और इस परेशानी से जूझ रहे सभी लोग शासन की सभी योजनाओं से वंचित रह जाएंगे.

बिन आधार के निराधार
अगर आंखों के आधार पर किसी व्यक्ति का आधार कार्ड बनाना हो, तो ये दर्शाना होता है कि उस व्यक्ति के हाथ नहीं हैं, लेकिन हाथ होते हुए भी रेखाएं काम न करें और आंख भी साथ न दे तो वह व्यक्ति बिना आधार के निराधार ही हो जाता है.

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