बालोद: कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष और मेयर के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव कराने का फैसला लिया है. जिसका बीजेपी विरोध कर रही है. नगरीय निकाय चुनाव के अप्रत्यक्ष प्रणाली को बीजेपी ने अलोकतांत्रिक बताया है.
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सरकार के फैसले का किया विरोध बुधवार को बीजेपी नेताओं ने बालोद नगर में जमकर नारेबाजी करते हुए पूरे शहर में रैली निकाली और अनुविभागीय अधिकारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में जमकर झूमाझटकी भी हुई. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने SDM ऑफिस पहुंचकर कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
अप्रत्यक्ष चुनाव के फैसले के खिलाफ बीजेपी ने किया विरोध प्रदर्शन
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि 'शासन की मंशा के अनुरूप महापौर अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराने की अनुशंसा सरकार ने की है. इसके साथ ही निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बदले बैलेट पेपर से कराने की सिफारिश भी की गई है. यह सब स्पष्ट खुलासा करता है कि, कांग्रेस सरकार इस चुनाव में गलत तरीके से जितना चाहती है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि 'शासन के इस फैसले से धनबल और बाहुबल का जमकर दुरुपयोग होने का रास्ता खुलेगा और ऐसा ही कांग्रेस सरकार करना चाहती है'.
ये है भाजपाईयों का कहना
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष यज्ञदत्त शर्मा ने कहा कि 'पूर्व में हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम से कांग्रेस सरकार भयभीत है और इस तरह का फैसला ले रही है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि 'पिछली बीजेपी सरकार ने लोकतंत्र को अपनाते हुए प्रत्यक्ष चुनाव कराया था और बेहद शांति पूर्ण ढंग से यह चुनाव होता था'.
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वहीं जिला भाजपा महामंत्री कृष्णकांत पवार ने कहा कि 'यहां सरकार पूरी डरी हुई है और इसका असर स्पष्ट देखने को मिल रहा है. कांग्रेस सरकार का यह फैसला गलत है जिसका हम सब विरोध कर रहे हैं'.