बालोद:बालोद में गांव गांव बैंकिंग सुविधा को पहुंचाने और महिलाओं को शासन की हर योजना से जोड़ने के लिए बैंक सखी योजना की शुरुआत की गई है. यह बैंक सखियां अपना दायित्व बेहतर तरीके से निभा भी रही हैं. लेकिन जिन्होंने गांव गांव घूमकर पेंशन बांटे और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समय दिया, वो बैंक सखियां ही सरकार से नाराज चल रही हैं. दरअसल, 2 साल तक उन्हें मानदेय देने की बात कही गई थी. लेकिन एक साल में ही इस योजना ने दम तोड़ दिया. बैंक सखियों के बीच अब वेतन के लाले पड़े हैं. ये बैंक सखियां प्रशासन के सामने अपनी समस्या को लेकर मुखर (Bank sakhiyan are not getting salary in Balod ) हैं.
कौन है बैंक सखी: छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक संस्थानों की घर घर तक पहुंच बनाने और बैंकिंग सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए "बैंक सखी मॉडल' ( SHG Members as BC Agents) पर काम किया जा रहा है, ताकि गांव के लोगों को, गांव में ही बैंकिंग सुविधायें दी जा सके.
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