बालोद:ग्राम जुंगेरा रानीतराई में आयोजित मणिलिंग शिवमहापुराण कथा 25 अगस्त से चल रही है. पंडित प्रदीप मिश्रा को सुनने के लिए लाखों भक्त बालोद पहुंचते रहे. शिव महापुराण कथा के अंतिम दिन करीब सात लाख शिवभक्तों के पहुंचने का दावा किया गया. कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने भगवान शिव की महिमा का बखान किया. दुख से भरे संसार में साधु संतों के मार्गदर्शन की महत्ता भी बताई. साथ ही कहा, "जो दावा करे दुख मिटाने का, वो नकली है. क्योंकि जो असली है, वो आपके दुखों को मिटाने का दावा नहीं करेगा. वो आपके जीवन को समझाएगा कि इंसान का शरीर संसार में आया है तो दुख मिलेगा. लेकिन भगवान पर भरोसा रखना, सब ठीक हो जाएगा."
व्यवहार और आचरण से देनी चाहिए प्रेरणा:शिवभक्तों को आचरण की शुद्धता बताते हुए प्रदीप मिश्रा ने कहा कि, "शब्दों से प्रेरणा देने वाला यहां हर कोई मिल जाएगा, लेकिन अपने व्यवहारों और अपने आचरण से प्रेरणा देने की कोशिश करनी चाहिए. जो हम दूसरों को सिखाते हैं, वो स्वयं हमें ग्रहण करना चाहिए. जो राम के आचरण को अपनाएगा वो राम कथा सुनाएगा, जो नारायण की कथा को स्वयं पर उतारे वो उनकी कथा कहेंगे और जो शिव तत्व को अपनाएंगे वो शिव महापुराण सुनाएंगे."
ईश्वर भक्ति में लीन तपस्वी लोगों से रहते हैं दूर-प्रदीप मिश्रा:कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने संत जीवन का बखान करते हुए कहा कि गुरुदेव केवल रास्ता दिखाते हैं, मंजिल तक पहुंचाते हैं. जब कोई घर का बेटा विधायक, सांसद या मंत्री बने या फिर सचिव बने तो वो घर में समय नहीं दे पाता. उसका जीवन उन कामों में लग जाता है. ठीक वैसे ही साधु, संत, तपस्वी जब अपना जीवन शिव भक्ति में, कृष्ण भक्ति में, ईश्वर की भक्ति में लगा दे तो वह लोगों से दूर रहता है. क्योंकि अगर वह लोगों के बीच गया तो उसका ध्यान भक्ति में कैसे रहेगा, इसलिए उन्हें अकेला छोड़ देना चाहिए.