RK Rai Contest Elections From JCCJ :आर के राय का फिर से जगा जोगी प्रेम, बीजेपी छोड़ जेसीसीजे में हुए शामिल, गुंडरदेही से देंगे चुनौती - बीजेपी छोड़ जेसीसीजे में हुए शामिल
RK Rai Contest Elections From JCCJ गुंडरदेही विधानसभा सीट से बीजेपी नेता आर के राय ने बगावत कर दी है. आर के राय ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से किनारा करते हुए एक बार फिर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का दामन थामा है.आर के राय को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने गुंडरदेही विधानसभा से टिकट भी दे दिया है. Gundardehi Assembly Seat
बालोद : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी के अंदर घमासान देखने को मिल रहा है. टिकट बंटने के बाद पार्टी के अंदर नाखुश नेता या तो निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं या फिर पाला बदल रहे हैं.ताजा उदाहरण धरसींवा विधानसभा से देवजी भाई पटेल का निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन लेना और बालोद के गुंडरदेही से बीजेपी नेता आरके राय का पार्टी छोड़ना है.
अरुण साव को सौंपा इस्तीफा
आर के राय ने दोबारा ज्वाइन की जनता कांग्रेस :आपको बता दें कि आरके राय गुंडरदेही से कांग्रेस विधायक थे.बाद में जब अजीत जोगी ने नई पार्टी बनाई तो कांग्रेस का साथ छोड़कर जोगी के साथ हो लिए.लेकिन पिछले चुनाव में आरके राय ने बीजेपी का दामन थामा.वहीं इस बार एक बार फिर वो बीजेपी का साथ छोड़कर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में शामिल हो गए हैं. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से आरके राय को गुंडरदेही विधानसभा का टिकट भी दे दिया गया है.आर के राय ने बीजेपी छोड़ते ही आदिवासी नेता की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.इसी के साथ ही आर के राय ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव को इस्तीफा सौंपा है.
कौन हैं आर के राय ? :पूर्व विधायक राजेंद्र राय राज परिवार के वंशज हैं. राय ने वर्ष 2011 में अपने पुलिस विभाग के डीएसपी पद से इस्तीफा दिया और 2013 में कांग्रेस से प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ा. जहां उन्होंने जीत दर्ज करते हुए 72720 वोट हासिल किया था. आर के राय ने बीजेपी के वीरेंद्र साहू को 21 हजार 280 मतों के अंतर से हराया था. इसके बाद जब पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर पार्टी बनाई तो वो जनता कांग्रेस जोगी में शामिल हो गए.
आरके राय गुंडरदेही से देंगे चुनौती
बीजेपी से थी टिकट की उम्मीद :अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठीक चुनाव के समय बीजेपी से इस्तीफा देने का सीधा मायने ये हैं कि उन्होंने टिकट के लिए उम्मीद लगाई थी. लेकिन बीजेपी ने गुंडरदेही पर अपने पुराने प्रत्याशी पर दाव लगाया है. जिसके बाद से गुंडरदेही विधानसभा में हलचल मच गई. सभी बड़े चेहरों ने बगावत कर दिया. वहीं आर के राय के बगावत ने एक बार फिर से बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं.
कैसा है गुंडरदेही विधानसभा का गणित ? :गुण्डरदेही विधानसभा एक ऐसी सीट है. जहां सब को समान प्रेम जनता ने दिया है. यहां साहू समाज से वीरेंद्र साहू भी विधायक थे. वर्तमान में निषाद समाज से कुंवर सिंह निषाद विधायक और संसदीय सचिव हैं. कंवर आदिवासी समाज से राजेंद्र राय को भी जनता ने सिर आंखों पर बिठाया था. इसलिए इस सीट पर किसी तरह का जातिगत समीकरण काम नहीं करता है.