बालोद:बालोद के साथ एक नया अध्याय जुड़ चुका है. वह है दूध गंगा. जो विकास का नया अध्याय लिख रहा है. वर्ष 2018 में एक संस्था की शुरुआत हुई थी जिसके तहत मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना की गई थी. किसानों को आगे लाने रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से इसे निर्मित किया गया था. आज यह दूधगंगा पूरे बालोद (Balod Dugdh Ganga Dairy ) जिले सहित प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है. प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह के योजना की शुरुआत हुई थी परंतु वह चल नहीं पाई. लेकिन बालोद जिले के कई दुग्ध किसान इससे विकास की ओर कदम बढ़ा(milk revolution Farmers getting benefit) रहे हैं. यहां से विकास की गंगा भी बहने लगी है. कई किसानों को रोजगार मिला है और बाजार दाम से अधिक यहां पर दूध की खरीदी की जाती है. इसके साथ ही मिलने वाले लाभ को बोनस के रूप में किसानों में बांट भी दिया जाता है. आज यह संस्था बालोद जिले के गौरव के रूप में अपना स्थान बना चुकी है.
40 प्रकार की मिठाइयां बनाकर राज्य में है प्रसिद्ध वर्ष 2018 को हुई थी शुरुआत
2012 से दूध गंगा नामक इस प्रोजेक्ट को लेकर विचार चल रहा था. लेकिन 5 जून 2018 को दूध गंगा नामक इस संस्था की शुरुआत हुई. तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इसका उद्घाटन किया था. तब से यह संस्था नए नए आयाम स्थापित करती जा रही है.
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20 मजदूर दूध गंगा में हैं कार्यरत
दूध गंगा नामक इस मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट में 20 मजदूर कार्यरत हैं. जिसमें दूध खरीदी से लेकर मिठाई बनाने तक का प्रोसेसिंग कार्य किया जाता है. यहां पर सभी मजदूरों को समय में भुगतान भी हो जाता है. इससे 20 मजदूरों को लगातार रोजगार मिलने लगा है. संस्था का कहना है कि हम इस कार्य क्षेत्र को बढ़ाने जा रहे हैं. विकासखंड स्तर पर काउंटर खोलने की तैयारी है. जिसकी शुरुआत लोहारा विकासखंड से की जा रही है. आने वाले कुछ दिनों में वहां पर काउंटर खोल लिया जाएगा.
349 किसान इस संस्था से हैं जुड़े
बालोद जिला मुख्यालय सहित आसपास के लगभग 349 दुग्ध किसान इस संस्था से जुड़े हुए हैं और संस्था के अध्यक्ष अनिल मंत्री ने बताया कि लगभग 200 किसान 12 महीने दूध की सप्लाई इस संस्था में करते हैं. कभी किसी किसान के पास दूध का उत्पादन नहीं रहता तो उसकी कमी अन्य किसान पूरी कर देता है. हम चाहते हैं कि और भी लोग इस संस्था से जुड़े. वर्तमान में दूध की कीमतों में वृद्धि की गई है पहले ₹35 प्रति लीटर के हिसाब से दूध गंगा द्वारा दूध की खरीदी की जाती थी परंतु अब यहां पर ₹40 प्रति लीटर की दर से दूध की खरीदी की जाती है. जिससे अन्य किसान भी दूध लाने लगे हैं. यह मूल्य बाजार मूल्य से अधिक है और किसानों को लाभ का अंश भी हम बोनस के रूप में दे देते हैं. जिससे किसान काफी खुश रहते हैं.
40 प्रकार की मिठाईयों का निर्माण
इस संस्था के माध्यम से 40 प्रकार की मिठाइयों का निर्माण किया जाता है. इन मिठाइयों के प्रति लोगों का आकर्षण देखते ही बनता है. रोजाना 12 सौ लीटर दूध से इन मिठाइयों का निर्माण किया जाता है. ग्राहकों ने बताया कि हमें यहां पर शुद्ध और ताजी मिठाइयां मिलती है. जिसके कारण हम दूध गंगा के ऊपर विश्वास करते हैं. यहां की खीर कदम नामक मिठाई काफी फेमस है. जिले से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक इस मिठाई की चर्चा रहती है .
कढ़ाई दूध की बिक्री जल्द
संस्था के सदस्यों ने बताया कि यहां पर जल्द ही कढ़ाई दूध की विक्रय की व्यवस्था की जाएगी. कढ़ाई में 24 घंटे गर्म दूध लोगों को मिलने लगेगा. इसमें केसर सहित अन्य सामग्रियां डालकर इसका स्वाद भी बढ़ाया जाएगा. इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है और लोग ठंड में इसके प्रति काफी आकर्षित होंगे.
साफ-सफाई का विशेष ध्यान
दूध गंगा को लेकर लोग विश्वास इसलिए करते हैं क्योंकि यहां पर स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाता है यहां पर हाइजेनिक सिस्टम से दूध खरीदी और दूध का प्रोसेशन किया जाता है. यहां पर हाई क्वालिटी लैब भी है और लैब टेक्नीशियन भी हैं. उच्च स्तर के दूध यहां पर खरीदे जाते हैं और दूध में किसी तरह की कोई मिलावट नहीं होती .संस्था के सदस्यों ने बताया कि किसानों को 10 दिन के भीतर ही उनके बेचे गए दूध का भुगतान कर दिया जाता है जिससे किसान काफी खुश रहते हैं कुछ दिनों पूर्व लगभग 900000 लाख का मुनाफा संस्था को हुआ था. जिसे बोनस के रूप में किसानों को बांट दिया गया था.