बालोद:बालोद जिले के अमोरा गांव की एक 12 वर्षीय बच्ची आंगनबाड़ी जाते समय बचपन में गिर गई थी. भिलाई के एक निजी अस्पताल में बच्ची के सिर का ऑपरेशन किया गया. इलाज के दौरान बच्ची के आंखों की रोशनी चली (girl blind during treatment in Balod ) गई. आयुष्मान कार्ड के तहत 5 लाख रुपए भी इलाज में खत्म हो गए. जब बालिका अपने पिता के साथ कलेक्टर के पास पहुंची तो कलेक्टर ने शासकीय योजनाओं के तहत बेहतर इलाज का आश्वासन दिया. इसके साथ ही इलाज शुरू किया (Administration will get treatment for blind girl in Balod )गया.
अंधी बच्ची का इलाज कराएगी प्रशासन बचपन की घटना अब बनी परेशानी: बालोद जिले में अमोरा गांव है. यहां रहने वाली कुशिका बचपन में आंगनबाड़ी जाते हुए गिर गई थी. जिसके बाद उसके सिर में कभी कभी दर्द होता था. लेकिन सर दर्द की दवाई और बाम लगाकर काम चल जाता था. लेकिन अब जब समय के साथ वो बड़ी हुई तो उसका ऑपरेशन कराया गया. ऑपरेशन के दौरान बच्ची के आंखों की रोशनी चली गई.
इलाज के दौरान गई आंख की रोशनी:जब बच्चे के सिर की समस्या बढ़ती गई तो उसे भिलाई के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया. जिसके बाद वहां उसका इलाज किया गया. इलाज के दौरान उसकी आंखों की रोशनी चली गई.
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आयुष्मान योजना का पैसा भी हुआ खत्म:दरअसल, आयुष्मान भारत कार्ड से 5 लाख निकल जाने की शिकायत लेकर के कलेक्टर के पास पहुंचे थे. जहां पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि ज्यादा गंभीर समस्या होने के कारण उसके सिर का ऑपरेशन किया गया है और आईसीयू में भी बच्ची को रखा गया था जिसके कारण सारा पैसा खर्च हो गया.
अब कलेक्टर के निर्देशन में इलाज: बीमार बच्ची और उसके माता-पिता ने पूरे मामले की जानकारी बालोद कलेक्टर गौरव कुमार सिंह को दी. जिसके बाद तत्काल उन्होंने मामला संज्ञान में लिया. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मामला हस्तांतरित किया गया. जांच पड़ताल के बाद यह बात सामने आई कि मुख्यमंत्री सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अब प्रशासन इस बच्ची का इलाज कराएगी.
शुरू किया गया इलाज:छोटी बच्ची के सिर का ऑपरेशन हुआ है. ऑपरेशन पूरी तरह सूख जाने के बाद शल्यक्रिया और आंखों की रोशनी संबंधित इलाज शुरु की जाएगी. कलेक्टर स्वयं इस पूरे घटनाक्रम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बच्ची के उचित इलाज का निर्देशन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिया गया है.