Action Against Striking Health Workers: बालोद के कर्मचारियों को एस्मा में आंदोलन करना पड़ा भारी, 31 ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी बर्खास्त
Action Against Striking Health Workers : बालोद में एस्मा लगाए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन करना स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को भारी पड़ गया है. मामले में जिले के 31 ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. अन्य कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है. Protest In ESMA
बालोद:जिले के चिकित्सक, ग्रामीण स्वास्थ्य संगठन के सदस्य और स्टाफ नर्स अपनी मांगों को लेकर बीते दो सप्ताह से हड़ताल पर हैं. जिले से भी हड़ताल पर गए ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा रहा है.अभी तक 31 आरएचओ को बर्खास्त किया जा चुका है. अन्य कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है. इस बात की जानकारी जिला छत्तीसगढ़ चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने दी है.
बालोद में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने के कारण लिया गया निर्णय:छत्तीसगढ़ मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि "मैं ही नियोक्ता हूं. मैंने ही 31 आरएचओ को बर्खास्त किया है. जो स्टाफ नर्स की नियुक्ति हुई है, उनकी सूची बनाकर संयुक्त संचालक को भेज दी गई है. मेडिकल ऑफिसर्स की सूची भी बना कर शासन को सौंपा जा चुका है." बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न पद पर काम कर रहे अधिकारी कर्मचारियों के हड़ताल के कारण बालोद में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. विकासखंड स्टार के अधिकारियों को भी हटाने की प्रक्रिया की जा रही है.
प्रशासन बना रहा दवाब: वहीं, बालोद के संघ के जिला सचिव डॉ शिरीष सोनी ने इस बारे में बताया कि "जिन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कोरोन काल में अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया. वे जब अपनी हक की लड़ाई लड़ते है तो सरकार दबाव बनाती है. हमारे संगठन के लगभग सभी सदस्यों ने सामूहिक त्याग पत्र दे दिया है. सरकार ने खुद घोषणा किया था. अब सरकार ही अपने किए गए वादे को पूरा नहीं कर रही है तो ये सारी चीजें समझ से परे है. हम सरकार के सामने झुकने वाले नहीं हैं. यहां पर प्रशासन अब आंदोलन कर रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर दबाव बना रही है."
समर्थन में उतरा कर्मचारी संगठन:स्वास्थ्य विभाग की ओर से अधिकारी कर्मचारियों को बर्खास्त करने की कार्रवाई की जा रही है. इसका विरोध करते हुए उनको बहाल करने की मांग लेकर बालोद का अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन सड़क पर उतरा है. उन्होंने मिलकर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से मांग की है कि ऐसे कर्मचारी को वापस बहाल किया जाए. छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष मधुकांत यादव ने बताया कि बालोद के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस तरह के मसलों को बैठकर सुलझाना चाहिए. हालांकि यहां सीधे उनके ऊपर कारवाई की जा रही है, जो कि गलत है.