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Published : Sep 15, 2022, 2:18 PM IST

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बालोद में एबीवीपी के प्रांत कार्यकारिणी की बैठक, 4 प्रस्ताव पारित

बालोद शहर की गंजपारा स्थित महादेव भवन में एबीवीपी के प्रांत कार्यकारिणी की बैठक की गई. इस बैठक में 4 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए.

ABVP meeting in Balod
बालोद में एबीवीपी की बैठक

बालोद:अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 75 वे वर्षगांठ के अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रांत कार्यकारिणी बैठक का आयोजन किया गया है. यह आयोजन बालोद शहर की गंजपारा स्थित महादेव भवन में हो रही है. दो दिवसीय कार्यकारिणी बैठक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत, राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता पहुंचे हुए हैं. बैठक के माध्यम से कई विषयों पर चर्चा की गई तो वहीं सरकारें छात्र संघ चुनाव कराने का फैसला करती है उनमें विद्यार्थी परिषद की रणनीति क्या होनी चाहिए इस पर भी चर्चाएं की जा रही है. एबीवीपी के प्रांत कार्यकारिणी की बैठक में 4 महत्वपूर्ण विषयों के प्रस्ताव भी पारित किए गए.

बालोद में एबीवीपी के प्रांत कार्यकारिणी की बैठक

संगठन का सुदृढ़ीकरण:एबीवीपी की छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रदेश मंत्री मनोज वैष्णव ने बताया कि संगठन के सुदृढ़ीकरण को लेकर उक्त बैठक में चर्चाएं की जा रही है. यहां पर पूरे प्रदेश भर से कार्यकर्ता पहुंचे हुए हैं. उन्हें मानसिक रूप से तैयार किया जा रहा है. देश की बदलती परिस्थितियों को लेकर भी चर्चाएं की जा रही है.

अंतिम छोर तक पहुंचे अभाविप: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता हर्ष राज साहू ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस बात पर जोर दिया जा रहा है. हम अंतिम व्यक्ति और अंतिम छोर तक कैसे पहुंचे, जहां तक हम कभी नहीं पहुंच पा रहे हैं वहां तक हम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की विचारधारा को लेकर जाना है और जमीनी स्तर पर हमें कार्य करना है.

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रचनात्मक कार्यों में शामिल हों युवा:अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बैठक में छात्र एवं युवा सत्य की शक्ति में विश्वास रखते हुए रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ जहां भी अच्छा कार्य हो रहा है. उसमें स्वयं का योगदान देते हुए समस्त युवा शक्ति को उसके साथ खड़े रहे. संगठित रहने के लिए प्रेरित करें. छात्र युवा अपने जीवन का प्रत्येक व्यापार राष्ट्र प्रथम के भाव से नियोजित और संचालित हो ऐसा भी सुनिश्चित किया जाए.

राज्य सरकारों का हस्तक्षेप निंदनीय:गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के महाविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में अनाधिकृत हस्तक्षेप राज्य सरकारों द्वारा बंद किया जाए. राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर कुलपतियों को हटाने संबंधी अध्यादेश लागू करना. प्रत्यक्ष रुप से शिक्षाविदों पर दबाव बनाना है. कुलपतियों पर राज्य सरकार के आदेश मानने संबंधी बाध्यकारी अध्यादेश तुरंत वापस लिए जाने चाहिए.

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