बलरामपुर: वाड्र्फनगर फॉरेस्ट रेंज में जंगल की अवैध कटाई धड़ल्ले से जारी है. वन विभाग की टीम ने मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए इमारती लकड़ियों की बड़ी खेप बरामद की है. वन विभाग के मुताबिक पकड़ी गई लकड़ियों की खेप को यूपी भेजने की तैयारी थी. पुलिस जिस गाड़ी में लकड़ी लोड थी उसे भी जब्त कर लिया है. वन विभाग की सुस्ती के चलते लगातार हरे भरे जंगलों का कत्ल वन तस्कर कर रहे हैं. कई बार वन विभाग की पकड़े में तस्कर आ जाते हैं कई बार उनके पहुंचने से पहले भाग जाते हैं. वन विभाग की टीम पर तस्करों से मिली भगत का आरोप भी लगता रहा है.
बलरामपुर के वाड्रफनगर फॉरेस्ट रेंज में तस्करी के खेल का खुलासा - लकड़ी तस्करों का यूपी कनेक्शन
Balrampur News बलरामपुर के वाड्रफनगर फॉरेस्ट रेंज से वन विभाग ने कीमती लकड़ियों का जखीरा पकड़ा गया है. यूपी के पिकअप वाहन से पकड़ी गई लकड़ियों की कीमत लाखों में बताई जा रही है. Vadrafnagar Forest Range of Balrampur
![बलरामपुर के वाड्रफनगर फॉरेस्ट रेंज में तस्करी के खेल का खुलासा Gang of wood smugglers active in Balrampur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-12-2023/1200-675-20250269-thumbnail-16x9-taskar.jpg)
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Dec 12, 2023, 6:30 PM IST
लकड़ी तस्करों का यूपी कनेक्शन:वन विभाग की टीम को सूचना मिली थी की यूपी नंबर की एक पिकअप गाड़ी जंगल में खड़ी है. पुलिस ने मुखबिर की सूचना को पहले पुख्ता किया फिर मौके पर पहुंचकर गाड़ी को जब्त कर लिया. वन विभाग की टीम के पहुंचने से पहले ही तस्करों उनके आने की सूचना मिल चुकी थी. जबतक टीम पहुंचती तबतक तस्कर वहां से रफूचक्कर हो चुके थे. पुलिस ने पकड़ी गई लोडिंग वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर भेजकर ये पता लगाने की कोशिश की है कि गाड़ी किसी है.
वन विभाग की सुस्ती, तस्करों की मस्ती: लंबे वक्त से वाड्रफनगर फॉरेस्ट रेंज में वन तस्कर सक्रिय हैं. जंगल को जिस तरह से ये वन तस्कर खोखला कर रहे हैं उससे ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों के बीच भी काफी गुस्सा है. वन विभाग की सुस्ती और लापरवाही के चलते आए दिन तस्कर जंगल से कीमती लकड़ियों की तस्करी करने में कामयाब हो रहे हैं. कई बार मुखबिर की सूचना पर तस्कर दबोचे जा रहे हैं तो कई बार उनके पहुंचने से पहले ही भाग निकलते हैं. वन विभाग को चाहिए कि वो बीट गार्ड को सतर्क और चौकन्ना रहने के निर्देश दे. बीट गार्ड के काम की अगर मॉनिटरिंग नहीं की जाती है तो बीट गार्ड भी ड्यूटी से नदारद रहता है जिसका फायद तस्कर उठाते हैं.