बलरामपुर:जिले के छोटे से गांव झिंगो के ग्रामीण अब अपने गांव को दूसरे की तरह स्वच्छता के मॉडल के रूप में तैयार कर रहे हैं. यहां के ग्रामीण जागरूकता के साथ गांव को स्वच्छ गांव के रूप में विकसित कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने स्वच्छता पुरस्कार के लिए सभी जिलों से आवेदन आमंत्रित किए थे. ग्राम पंचायत झिंगो ने भी इस पुरस्कार के लिए आवेदन जमा किया था, जिसके बाद भोपाल से टीम यहां स्वच्छता की जांच और पुरस्कार के लिए आवश्यक विभिन्न मापदंडों की जांच के लिए पहुंची थी.
स्वच्छता पुरस्कार के लिए निरीक्षण के लिए पहुंची टीम पढ़ें- सूरजपुर: दूसरे राज्यों से आए मूर्तिकारों पर कोरोना की मार, नवरात्र में नहीं हो पाएगी कमाई
अंबिकापुर की की तरह ही अब राज्य के बाकी सभी शहर और गांव स्वच्छता पुरस्कार पाने की तैयारी में जुट गए हैं. इस शहर को दूसरे गांव के लोग एक मॉडल के रूप में देखते हैं. बलरामपुर जिले के राजपुर जनपद पंचायत का गांव झिंगो भी अब स्वच्छ गांव की श्रेणी में आने की तैयारी करने लगा है, इस क्रम में इस गांव ने केंद्र सरकार के स्वच्छता पुरस्कार के लिए आवेदन जमा किया है. गांव में रविवार को भोपाल से टीम जांच के लिए पहुंची थी. टीम ने ग्राम पंचायत में स्वच्छता की जांच की और गांव में बने 264 शौचालयों का निरीक्षण किया.
गांव को बनाना चाहते हैं मॉडल
भोपाल से पहुंची जांच टीम ने घर-घर जाकर ग्रामीणों से बात की और उन्हें स्वच्छता के प्रति संदेश भी दिया. जांच टीम की सदस्य शबनम शेख ने बताया की गांव को 7 केटेगरी के आधार पर पुरस्कार दिया जाना है. बलरामपुर जिले से 3 ग्राम पंचायतों ने विभिन्न केटेगरी के आधार पर आवेदन जमा किया है. इसकी जांच के लिए टीम झिंगो पहुंची है. उन्होने कहा की आगामी 2 अक्टूबर को पुरस्कार दिए जाएंगे. गांव के जनप्रतिनिधी और जनपद सदस्य ने कहा की जिस तरह अंबिकापुर शहर पूरे देश में एक माॅडल की तरह है वह भी अपने गांम को ठीक उसी तरह माॅडल के रुप में विकसित करना चाहते हैं.