बलरामपुरःNew Year 2022 का आगमन हो चुका है. इस नए साल के पहले दिन लोग घूमने या पिकनिक मनाने जरूर जाते हैं. बलरामपुर रामानुजगंज जिला प्राकृतिक सौन्दर्य (Natural Beauty) से परिपूर्ण (perfect) है. यहां ऊंचे-ऊंचे पहाड़ (High mountain's) जंगल (Forest) नदियां (Rivers) झरने ( Waterfall) सहित प्राकृतिक संसाधनों (Natural Resources) से समृद्ध (Prosperous) है. यहां प्रकृति की गोद में अनेकों बेहतरीन जगह मौजूद है. इनमें से कुछ नायाब जगहों के बारे में जानिए, जहां आप प्रकृति के बीच सुकून के पल बीता सकते हैं.
नदी के बीच प्रसिद्ध है पलटन घाट
बलरामपुर के रामानुजगंज में पलटन घाट पर नए साल 2022 का उत्सव मनाने छत्तीसगढ़ सहित झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पिकनिक मनाने आते हैं. यहां के शांत प्राकृतिक वातावरण में जिंदगी के तनाव को भूलकर अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करते हैं.
पल्टन घाट पर कन्हर नदी के बीच प्राकृतिक रूप से निर्मित सफेद और काले रंग के पत्थर (Black and white stone) यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं. घने जंगलों और नदी पहाड़ों से घिरा हुआ यह पर्यटन स्थल अपने सौंदर्य से पर्यटकों को मोहित कर लेता है. पर्यावरण के सौंदर्य (Beauty of Environment) को निहारने यहां साल भर पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है.
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गर्म पानी के रहस्यों से भरा है तातापानी
जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गर्मपानी के रहस्यों से भरा तातापानी (Tatapani full of hot water mystery) बलरामपुर का प्रमुख धार्मिक सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल (Major Religious cultural and tourist place) है. धरती के अंदर से अनवरत निकल रहे गर्मपानी के कारण यह जगह छत्तीसगढ़ सहित देशभर में प्रसिद्ध है. यहां भगवान शिव का मंदिर है. साथ ही यहां रखी हुई मूर्तियां भी प्राचीन हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग 343 ( National Highway 343) के जरिए यहां पहुंच सकते हैं. समय के साथ यह प्राचीन धार्मिक एवं आध्यात्मिक स्थल विकसित हो रहा है. प्रतिदिन यहां हजारों कि संख्या में देशभर से पर्यटक एवं श्रद्धालु पहुंचते हैं.
100 की ऊंचाई से गिरता है पवई वाटरफॉल
बलरामपुर जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पवई वाटरफॉल (Pawai waterfall) बेहतरीन पर्यटन स्थल (best Tourist place) है. पहाड़ की ऊंचाई से गिरते हुए झरने को देखकर अलग आनंद की अनुभूति होती है. यह प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण पर्यटन स्थल चारों तरफ से घने जंगल से घिरा हुआ है. नए साल पर घूमने या पिकनिक मनाने के लिए यह बेहतरीन जगह है. पवई वाटरफॉल चनान नदी पर है. प्रकृति का आनंद लेना चाहते हैं तो पवई वाटरफॉल जरूर जाएं.
पवई वाटरफॉल में सावधानियां जरूरी
अगर आप पवई वाटरफॉल जाते हैं तो इस बात का खास ध्यान रखें कि वहां के चट्टानों पर पानी की वजह से काफी ज्यादा फिसलन होने के कारण अप्रिय घटना होने की संभावना बनी रहती है. इसलिए सावधानी जरूर बरतें.
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बलरामपुर का प्राचीन पुरातात्विक स्थल डीपाडीह
नए साल के पहले दिन अगर आप पुरातात्विक पर्यटन स्थल (Archeological Tourist Site) देखना चाहते हैं तो आपको बलरामपुर जिले के डीपाडीह के प्राचीन मंदिरों (Ancient temples of Dipadih) को देखने के लिए जरूर जाना चाहिए. यहां कई प्राचीन मंदिर हैं. यहां के आसपास के क्षेत्रों में आठवीं से लेकर चौदहवीं शताब्दी के पुरातात्विक अवशेष मिले हैं. जिन्हें एक जगह रखा गया है. यह एक खुले मैदान में संग्रहालय (Museum) की तरह है. अवशेषों (Archeological remains) के आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां का इतिहास और कला (Histrory and art) काफी संपन्न रहें होंगें.
सतबहिनी वाटरफॉल के साथ नेचुरल सनसेट पॉइंट
बलरामपुर जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत विश्रामनगर में मौजूद यह बेहतरीन वाटरफॉल अपने आप में नायाब प्राकृतिक पर्यटन स्थल (Natural Tourist place) है. लेकिन क्षेत्र के बहुत कम लोग ही इस बेहतरीन प्राकृतिक स्थल वाटरफॉल (Waterfall) के बारे में जानते हैं. ऊंची पहाड़ियों से आ रहा पानी यहां झरने का रूप ले लेता है. दूरदराज के जंगलों से आते हुए बारिश का पानी पत्थरों, चट्टानों से टकराते हुए अनेकों छोटे-छोटे झरने निर्मित होते हैं. यहां नेचुरल सनसेट पॉइंट (Natural sunset Point) चारों तरफ से ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है.