Navratri 2023: रामानुजगंज की पहाड़ियों में विराजमान माता वैष्णोदेवी करती हैं भक्तों की मुराद पूरी, दर्शन के लिए नवरात्र में उमड़े श्रद्धालु
Navratri 2023 रामानुजगंज में सात पहाड़ियों की श्रृंखला के बीच सबसे ऊंची पहाड़ी की चोटी पर मां वैष्णो देवी विराजमान हैं. वैसे तो यहां पूरे साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड और बिहार सहित दूसरे राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता रानी के दर्शन करने आते हैं. आइये जानते हैं कि यह मंदिर क्यों इतना खास है. Balrampur News
बलरामपुर: जिले के रामानुजगंज में हजारों फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर माता वैष्णोदेवी का मंदिर है. सात पहाड़ियों के बीच स्थित इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर यहां आते हैं, माता रानी उनकी मनोरथ पूरी करती हैं.
माता रानी पूरी करती हैं भक्तों की मुरादें:यहां भक्तों की ऐसी आस्था है कि जो भी अपने मन की मुरादें लेकर आते हैं, वो पूरी होती है. यहां नवरात्र में भक्तों का तांता लगा रहता है. वैसे तो पहाड़ी पर मां वैष्णो देवी के मंदिर की स्थापना 16 अप्रैल 2014 में की गई थी. लेकिन यहां 2014 से भी कई साल पहले से भक्त पूजा अर्चना के लिए पहुंचते रहे हैं.
"इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि भक्त यहां अपनी जो भी मनोकामना लेकर आते हैं. पूरी श्रद्धा और भक्ति से माता की पूजा करते हैं, उनकी सभी मुरादें ऊंची पहाड़ी वाली माता पूरी करती हैं." - पवन पाण्डेय, पुजारी, पहाड़ी मंदिर
नवरात्रि में लगी भक्तों की भीड़: इस साल नवरात्रि में भी काफी दूर दराज से श्रद्धालु यहां माता रानी के दरबार में दर्शन करने आ रहे हैें. नवरात्रि की वजह से यहां काफी भीड़ देखी जा रही है. बीते कल अष्टमी को यहां पहाड़ी पर भंडारा का भी आयोजन किया गया.
"पिछले 6-7 साल से मैं लगातार यहां दर्शन करने आ रहा हूं. पहाड़ी की ऊंची चोटी पर माता के दर्शन कर बहुत अच्छा लग रहा है. नवरात्रि है, इसलिए यहां ज्यादा लोग दर्शन करने आये हैं." - सुमंत गुप्ता, श्रद्धालु
दूसरे राज्यों से दर्शन करने आते हैं श्रद्धालु:रामानुजगंज में पहाड़ी पर माता वैष्णोदेवी का मंदिर है. इस मंदिर के बारे में काफी मान्यताएं प्रचलित है. नवरात्रि के दौरान यहां छत्तीसगढ़ सहित दूसरे राज्यों झारखंड, बिहार और ओडिशा राज्यों से भी श्रृद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं. नवरात्र के दौरान यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. पहले मंदिर तक पहुंचने के लिए कोई सुविधा नहीं था, लेकिन अब मंदिर तक सड़क निर्माण कराया गया है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए मंदिर तक पहुंचना आसानी हो गया है.