बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के किसान धान की फसल पर ही निर्भर हैं. लगभग 95 फीसदी किसान धान की खेती करते हैं. इसके लिए अन्नदाता हर साल लाखों रुपए कर्ज लेकर धान बीज और खाद की खरीदी करते हैं, लेकिन मूसलाधार बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. राजपुर ब्लॉक के 7 गांव के किसानों की धान की फसल खराब हो गई है. खेत में धान की फसल रेत से पटी हुई है. ऐसे में किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.
किसानों का कहना है कि प्रशासन ने फसल का आंकलन भी कराया है, लेकिन उन्हें मुआवजे के नाम पर कुछ नहीं मिला है. किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिलने के कारण 7 गांव के सैकड़ों किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि वह साहूकारों और बैंक से कर्ज लेकर फसल लगाई थी, लेकिन आसमानी आफत ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. किसानों का कहना है कि प्रशासन मदद नहीं कर रहा है, तो कैसे कर्ज से छुटकारा मिलेगा. किसानों ने बताया कि वह फसल नुकसान को लेकर फसल बीमा करा चुके हैं, लेकिन किसान बीमा कराने के बाद भी ठगा महसूस कर रहे हैं.
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90 फीसदी किसानों की फसल खराब होने पर मिलेगा लाभ