बलरामपुर: जिले में मानवता को शर्मशार करने का मामला सामने आया है. सीएचसी शंकरगढ़ में पदस्थ एक डॉक्टर पर पोस्टमॉर्टम करने का आरोप लगा है. मृतक के परिजनों ने डॉक्टर पर पोस्टमॉर्टम कराने के लिए 10 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया. परिजनों ने बताया कि किसी तरह उन्होंने 5 हजार रुपये जुगाड़ कर दिए. इसी बीच बीजेपी कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और हंगामा करने लगे. जिसके बाद डॉक्टर ने रुपये परिजनों को वापस किए.
डॉक्टर पर पोस्टमार्टम के लिए रुपये मांगने का आरोप पोस्टमॉर्टम के लिए 10 हजार रुपये की मांग
दरअसल शंकरगढ़ के सरनाडीह गांव निवासी 27 वर्षीय महिला रमुनिया की किसी कारणों से घर में मौत हो गई. परिजन जब उसे अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद परिजन जब डॉक्टर के पास पोस्टमॉर्टम के लिए पहुंचे तो डॉक्टर दीपक रॉय ने शव का पीएम करने के एवज में 10 हजार रुपयों की मांग की. परिजनों के मुताबिक डॉक्टर ने कहा कि शव को यदि बिना पीएम के अस्पताल से ले जाना चाहते हो तो भी कम से कम 5 हजार रुपये देने पड़ेंगे. डॉक्टर ने रुपये नहीं देने पर शव को नहीं ले जाने की धमकी भी दी.
परिजनों ने उधार लेकर डॉक्टर को दिए रुपये
मृतका के परिजनों ने किसी तरह उधार मांगकर 5 हजार रुपये जुगाड़े और डॉक्टर को रुपये दिए. इसके साथ ही बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही परिजन शव को वापस लेकर जाने लगे. मामले की भनक जैसे ही बीजेपी के कार्यकर्ताओं को लगी वे तुरंत अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर को जमकर फटकार लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया. मामले को तूल पकड़ता देख डॉक्टर ने परिजनों से लिए हुए रुपये परिजनों को वापस दे दिए.
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डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग
मृतका के परिजन शनिचरा जिससे पैसे की डिमांड की गयी थी उसने मीडिया से बातचीत करते हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री शिव शंकर सिंह ने ऐसे लापरवाह और भ्रष्ट डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने भी आरोपी डॉक्टर पर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. कांग्रेस के जिला संयुक्त महामंत्री हीरालाल यादव ने भी नाराजगी व्यक्त की है और अस्पताल पहुंच कर उन्होंने भी डॉक्टर की हरकत को शर्मनाक बताया है.
इस बात की भी जानकारी लगी है कि डॉक्टर दीपक रॉय मरीजों से लगातार अवैध वसूली करते हैं. बहरहाल देखना यह होगा कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह संभाग में अवैध वसूली के मामले में डॉक्टर की शर्मनाक करतूत पर किस तरह की कार्रवाई होती है.