बलरामपुर:विश्व पर्यावरण दिवस (world environment day) के मौके पर जहां विश्वभर में क्लाइमेट चेंज, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण, प्लांटेशन समेत कई मुद्दों को लेकर चर्चा हो रही है. वहीं छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में स्थित वन वाटिका (Bohla Dam) पर्यावरण और बोहला डैम (Van Vatika) जल संरक्षण को लेकर श्रेष्ठ उदाहरण है.
रामानुजगंज का बोहला बांध और वन वाटिका वन वाटिका में 40 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे
रामानुजगंज स्थित बोहला बांध (Bohla Dam) के पास विकसित की गई वन वाटिका (Van Vatika) में करीब 40,000 से ज्यादा पेड़-पौधे हैं. 240 एकड़ के क्षेत्र में फैले इस वन क्षेत्र में 60 एकड़ में बांध और उसका कैचमेट एरिया है. वहीं बाकी क्षेत्रफल में वन वाटिका है.
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2008 में पार्क को विकसित करने की बनाई गई योजना
चार दशक पहले जल संसाधन विभाग ने बोहला बांध का निर्माण कराया तो ऐसी तस्वीर नहीं थी. 2008 में वन विभाग को इसे विकसित करने की जिम्मेदारी मिली. काफी मेहनत, उबड़-खाबड़ इलाके को समतल कर यहां पेड़-पौधे लगाए गए. देखते ही देखते यह पूरा इलाका हरा-भरा हो गया. प्रकृति प्रेमियों को मनपसंद जगह मिल गई है.
पर्यटन के लिए लोगों की मनपसंद जगह बनी वन वाटिका
वन वाटिका में लोग सुबह-शाम सैर-सपाटे और व्यायाम के लिए आते हैं. यहां बांध के किनारे और हरियाली के बीच एक रेस्ट हाउस बनाया गया है. वहीं 8 अलग-अलग पार्क, वॉच टावर, बोटिंग की सुविधा भी यहां है. वन वाटिका में कई तरह के फूल और औषधीय पौधे लगे हैं. वन वाटिका में फैली हरियाली, जंगल और पानी का संग्रहण इस इलाके को पूरी तरह से प्रदूषण से मुक्त रखा हुआ है. यहां के खूबसूरत नजारे को देखने के लिए लोग खिंचे चले आते हैं. आने वाले समय में वन वाटिका को विकसित करने की योजना है