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बलरामपुर: एक मां ने नवजात को मरने के लिए छोड़ा, दूसरी मां ने दी जिंदगी

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Published : Oct 17, 2020, 4:49 PM IST

Updated : Oct 17, 2020, 5:14 PM IST

रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक 3 की सरिता देवी लकड़ी काटने पलटन घाट के जंगल में गई थी. लकड़ी काटने के बाद जब वह लकड़ी को बांधने की तैयारी कर रही थी, इसी दौरान उसकी नजर एक झोले पर पड़ी. जिसमें एक नवजात पड़ी थी. इसके बाद सरिता मासूम को घर ले आई. डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची बिल्कुल सुरक्षित है.

A woman saved girl child life in Balrampur
बलरामपुर में नवजात बच्ची को बचाया

बलरामपुर: 'जाको राखे साइयां मार सके ना कोय' यह कहावत एक बार फिर सच हुई है. 1 दिन की मासूम बच्ची का मुंह बांधकर उसे पलटन घाट में छोड़ दिया गया था. इस दौरान लकड़ी काटने गई महिलाओं की नजर बच्ची पर पड़ी. जिसके बाद एक महिला सरिता मासूम को अपने साथ अपने घर ले आई. देर शाम बच्ची को रामानुजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां स्टाफ नर्सों ने बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण किया.

बलरामपुर में नवजात बच्ची को बचाया

दरअसल, रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक 3 की सरिता देवी लकड़ी लेने पलटन घाट के जंगल में गई थी. लकड़ी काटने के बाद जब वह लकड़ी को बांधने की तैयारी कर रही थी इसी दौरान उसकी नजर एक झोले पर पड़ी. एक बच्ची झोले में पड़ी थी. महिला बच्ची को घर ले आई. इसकी सूचना नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल, पार्षद विजय रावत अनूप कश्यप और राधेश्याम गुप्ता को दी गई, उन्होंने बच्ची को रामानुजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों की टीम ने बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण किया. बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है.

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बच्ची को मातृछाया अंबिकापुर भेजा गया

बच्ची का वजन 2 किलो 310 ग्राम है. पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर कार्रवाई के बाद CWC के माध्यम से बच्ची को मातृछाया अंबिकापुर भेज दिया. एक मां ने मानवता को शर्मसार किया तो एक और मां ने उसे जिंदगी दी. बच्ची को छोड़ने के लिए राजमती और सरिता के साथ अन्य महिलाएं भी अस्पताल आई थी.

Last Updated : Oct 17, 2020, 5:14 PM IST

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