बलरामपुर: छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन के केस रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं. ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में आदिवासियों को रुपये और नौकरी का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में रामानुजगंज में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. केस दर्ज होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
कोरोना की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश रामानुजगंज से लगे ग्राम पंचायत पुरानडीह में चार युवक माइक, चोंगा और प्रचार सामग्री लेकर लोगों को धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रेरित कर रहे थे. वे लोगों को कोरोना बीमारी से निजात दिलाने की बात भी कह रहे थे. रामानुजगंज के एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने इसकी सूचना बजरंग दल के लोगों को दी. एबीवीपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने युवकों को ऐसा करने से मना किया और उनके साथ झड़प भी हो गई.
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एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बताया कि युवक ग्रामीणों को रुपये का प्रलोभन दे रहे थे, साथ ही उनसे कोरोना बीमारी से निजात दिलाने की बात भी कह रहे थे. धर्म परिवर्तन की सूचना के बाद मौके पर पहुंची रामानुजगंज पुलिस की टीम ने मामले की जांच की. पुलिस ने जांच के दौरान प्रचार प्रसार के लिए उपयोग किए जा रहे साउंड सिस्टम को जब्त किया. पुलिस ने जांच में पाया कि चारों युवक लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से ही गांव पहुंचे थे.
शिक्षा की कमी से लोग हो रहे शिकार
पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एडिशनल एसपी ने कहा कि 'धर्म परिवर्तन का केस सामने आया है, युवकों की गिरफ्तारी के बाद आगे की जांच की जा रही है'. बताया जाता है कि जशपुर की सीमा से लगे होने के कारण बलरामपुर जिले में धर्म परिवर्तन का खेल सालों से चला आ रहा है. कभी-कभी ही इसमें कार्रवाई होती है, ज्यादातर मामले दूरस्थ अंचलों में होते हैं, इन आदिवासी इलाकों में शिक्षा की दर बेहद कम है. ऐसे परिवारों को रुपये, नौकरी और अन्य चीजों का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराये जाने की बात अक्सर सामने आती रहती है.